प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ गर्मियों में खेतों की जुताई से जल संचयन में भी मदद मिलेगी। खेत में फसलों की बुआई के समय हैरो या कल्टीवेटर को बार-बार 6-7 इंच की गहराई तक चलाने से खेत की तली में एक सख्त परत बन जाती है। जिससे बारिश का पानी बहकर खेत से निकल जाता है और मिट्टी व पोषक तत्वों को अपने साथ बहा ले जाता है।
यह कठोर परत तब टूट जाती है जब लगभग एक फीट तक मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी ग्रीष्मकालीन जुताई की जाती है और बारिश का पानी बड़ी मात्रा में खेतों में अवशोषित हो जाता है। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर मिट्टी भी भुरभुरी हो जाती है। मिट्टी में वायु का संचार भी बढ़ता है और खेतों की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है।