हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ इस बार छात्रसंघ चुनाव नहीं होने पर विद्यार्थियों में रोष है। जिले भर में छात्र संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और राज्य सरकार से छात्रसंघ चुनाव की मांग करते हुए ज्ञापन दिए जा रहे हैं। छात्र संगठन की मांगों पर सुनवाई नहीं होने पर कांग्रेस सरकार से खफा हैं। इस बार छात्र संघ का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर प्रचार करना शुरू कर दिया था। छात्रों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए कॉलेजों से रैली भी निकाली जाने लगी। लेकिन राज्य सरकार की ओर से छात्र संघ चुनावी नहीं कराने के फैसले के बाद संगठनों में नाराजगी है। गत वर्ष में परीक्षा का परिणाम नहीं आने के कारण छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवारों का चयन करना पार्टियों के लिए मुश्किल हो गया था।
जिन छात्रों ने उम्मीदवारी जताई थी। परीक्षा का परिणाम नहीं आने के कारण उनमें से अधिकांश चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहे। इसके चलते छात्र संगठनों को अब उम्मीदवार का चयन करने में जोर आया और छात्रसंगठनों को मजबूरन समर्थित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने पड़े। गत वर्ष के छात्र संघ चुनाव में एडमिशन की प्रक्रिया देरी से होने के कारण कई इच्छुक उम्मीदवार चुनाव लड़ने से रह गए थे। इन्होंने उम्मीदवारी जताते हुए प्रचार करना शुरू कर दिया था और जगह-जगह पोस्टर भी चस्पा कर दिए थे। यूनिवर्सिटी ने एमए में प्रवेश की प्रक्रिया देरी से शुरू की और ये लोग चुनाव लड़ने से वंचित रह गए। जिले में जिन विद्यार्थियों ने चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इनका परीक्षा का परिणाम चुनाव की प्रक्रिया के करीब एक माह के बाद आया था। इसलिए चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों से हल्फनामा लिया गया। परीक्षा के परिणाम में जीते हुए कई उम्मीदवार फैल हो गए और अपनी जीती हुई सीट गवानी पड़ी थी।