योग में हठ और बदली जिंदगी

Update: 2023-06-21 15:10 GMT

उदयपुर। योग के कई प्रकार हैं, जिसमें हठ योग भी शामिल है, किन्तु उदयपुर के दो लोगों ने योग में हठ, यानी उसे चुनौती बनाकर दुर्घटना के बाद भी योग जारी रखा और जिंदगी को खुशहाल बना लिया।

हम बात कर रहे हैं, उदयपुर के एडवोकेट पूरण जैन तथा युवा मिथुन की, दोनों ने दुर्घटना के बाद खुद को ना केवल खड़ा ही नहीं किया, बल्कि योग के जरिए खुद को पहले से ज्यादा मजबूत बना लिया। मिथुन ने जहां हठ योग में वर्ल्ड रिकार्ड बना लिया, वहीं दुर्घटना के बाद डॉक्टरों ने पूरण जैन को कह दिया कि वह अपने बल पर पैरों पर नहीं चल सकते और उन्होंने योग के जरिए डॉक्टरों को भी चकित कर दिया।

सिर की गंभीर चोट के बाद चले गए थे कोमा में, मिथुन ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड

उदयपुर शहर के युवा मिथुन गमेती का वर्ष 2021 में रोड एक्सीडेंट हो गया था। सिर में लगी गंभीर चोट आने की वजह से एक महीने तक कोमा में चले गए। जब वह कोमा से बाहर आए तो उनके शरीर के कई हिस्से सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे। एक महीने तक योग करने के दौरान उनके शरीर में बदलाव देखने को मिले। उसके बाद उसने योग के बारे में और पढ़ा और सीखना शुरू किया। नया जीवन मिलने के बाद मिथुन ने अपना पूरा जीवन योग को समर्पित कर दिया। अब वह योग इंस्ट्रक्टर और योगिक साइंस में बीएससी कर रहे हैं। मिथुन ने “पश्चिमोत्तानासन” योग आसन की आधे घंटे की होल्डिंग कर हठ योग में वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवाया है और गोल्ड मेडल जीतकर उदयपुर शहर का नाम भी दुनिया में भी रोशन किया है।

एडवोकेट पूरण से चिकित्सकों ने कह दिया था अब वह बिना सहारे नहीं चल पाएंगे

इसी कड़ी में उदयपुर के एडवोकेट पूरण जैन शामिल है। उनकी तीन पीढ़ियां योग की परम्परा को कायम रखे हैं। 22 साल पहले हुए सड़क हादसे में शहर के भूपालपुरा निवासी पूरण जैन की दोनों टांग लगभग टूट गई थी। उनके दोनों पर रॉड डाली गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें आजीवन बैसाखी के सहारे चलने की सलाह दी। इससे पूरण जैन ही नहीं, पूरे परिवार को बड़ा झटका लगा। हालांकि, योगाभ्यास वो पहले से ही कर रहे थे, और उन्होंने थोड़ी बहुत रिकवरी के बाद फिर से योग करना शुरू कर दिया। पूरण जैन ने हठ कर लिया कि वह एक दिन बिना बैशाखी से चलेंगे। योग का परिणाम है कि वह अब अपने पैरों पर खड़े हैं और लोगों को भी योगाभ्यास करवा रहे हैं। उनकी बेटी आशा जैन तो योग से पीएचडी कर रही है। वे कहते हैं कि योगाभ्यास से मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूती का अहसास हुआ है। उनके परिवार के सभी सदस्य योग से जुड़े हुए हैं और लोगों को योग कराते हैं।

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