कोटा: राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट ब्रिज एसोसिएशन और कोटा डिस्ट्रिक्ट ब्रिज एसोसिएशन की ओर से तीन दिवसीय 39वीं राज्य स्तरीय ब्रिज चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का आगाज शुक्रवार से कोटा क्लब में हुआ। प्रतियोगिता में राज्य की 10 टीमों के 60 खिलाड़ियों ने भाग लिया। यह चैम्पियनशिप मुंबई के आयकर आयुक्त पुरूषोत्तम तिरपुरी ने अपने पिता सीएम तिरपुरी की स्मृति में आयोजित कर रहे हैं। राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट ब्रिज एसोसिएशन के सचिव केपी माथूर व कोटा डिस्ट्रिक्ट ब्रिज एसोसिएशन के सचिव डॉ. रवि भार्गव ने बताया कि चैम्पियनशिप में जयपुर से 5 तथा बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा एवं कोटा से एक-एक टीमों ने भाग लिया। पहले दिन सभी टीमों के बीच 4 राउंड खेले गए। दोपहर से देर शाम तक खिलाड़ियों के बीच दिमागी प्रतिस्पर्द्धा की जंग जारी रही।
आज प्रतियोगिता का आखिरी राउंड
ब्रिज चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का शनिवार को सभी टीमों के बीच 5वां व आखिरी राउण्ड खेला जाएगा। इसके बाद सेमीफाइनल में पहुंचने वाली 4 टीमें निर्धारित होगी। इसके बाद इसी दिन टीमों के बीच सेमीफाइनल व फाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एनके शर्मा ने बताया कि जो टीम फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाएगी उस टीम के खिलाड़ी मास्टर पेयर स्पर्धा के फस्ट एलीमिनेशन में भाग लेंगे।
यह रहे अतिथि
राज्य स्तरीय ब्रिज चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के रेजिडेंट हेड व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर वीनू मेहता व मुंबई के आयकर आयुक्त पुरूषोत्तम तिरपुरी ने किया। राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट ब्रिज एसोसिएशन के सचिव केपी माथूर विशिष्ट अतिथि रहे।
रैंक टीम स्कोर टीम
1. 7 64.35 डेजर्ट वॉरियर्स
2. 5 48.28 राठौड़र्स
3. 4 47.75 बीकाना
4. 10 44.79 कोटा
5. 8 42.79 रेजोनेंस
6. 1 38.41 राजपुताना
7. 6 31.71 पिंक वॉरियर्स
8. 9 29.86 जयपुर प्राइड
9. 2 28.59 भीलवाड़ा बाशर्स
10. 3 23.47 उदयपुर
ट्रिक-टेकिंग कार्ड गेम
ब्रिज को दिमाग का लेवल बढ़ाने वाले गेम के रूप में जाना जाता है। इसलिए इसे ट्रिक-टेकिंग कार्ड गेम भी कहा जाता है। इस खेल में कार्ड के 52 पत्तों में से 13 पत्ते हर खिलाड़ियों में बांटे जाते हैं। खिलाड़ी परम्यूटेशन और कॉम्बिनेशन के आधार पर इस खेल को खेलते हैं इसलिए यह आने वाले कार्ड पर निर्भर करता है कि वह किस तरह अपना स्कोर बढ़ा सकते हैं। यह ऐसा माइंड गेम है जिसे चालाक लोग अपनी चतुराई से जीतते हैं।
आधी दुनिया में खेला जाता है ब्रिज
जयपुर निवासी खिलाड़ी पुनीत गंगल ने बताया कि ब्रिज गेम सन् 1914 से खेला जा रहा है। पहले इसका दायरा सीमित था लेकिन वर्तमान में यह आधी दुनिया में खेला जाता है। अमेरिका, चीन, आस्टेलिया, इंग्लैंड, एशिया व यूरोपियन देशों में ब्रिज का जलवा कायम हो चुका है। विदेशों में स्कूलों में हॉबीज डिसीपिलीन के नाम से ब्रिज गेम विद्यार्थियों को सिखाया जाता है, ताकि बच्चों का आईक्यू लेवल व स्किल में इम्पू्रमेंट हो सके। हमारे देश के स्कूलों में भी इसे शुरू किया जाना चाहिए।
क्या है ब्रिज गेम
ब्रिज, देखने में जितना आसान और सरल लगता है, यह गेम अपने आप में उतना ही कठिन है। इस खेल को गेम्स आॅफ स्किल भी कहा जाता है। वैसे तो हर खेल में स्किल और चतुराई की तारतम्यता से जीत मिलती है लेकिन यह खेल अन्य सभी गेम्स से अलग है। यह ताश के पत्तों से खेला जाता है। इसमें हर एक टीम के दो खिलाड़ी शामिल होते हैं, जो घंटों बैठकर अपनी चतुराई से प्रतिद्वंदी को अपनी चाल से मात देते हैं। इसलिए इसे दीमाग का खेल कहा जाता है। इसकी खासियत यह है कि अन्य खेलों के मुकाबले इस गेम को खिलाड़ी करीब 80 साल की उम्र तक खेलते हैं।
ब्रिज गेम की टेक्निक पर लिखी गई हजारों किताबें
किताबेंखिलाड़ियों का कहना था कि ब्रिज को समझना जितना कठिन है उतना ही खेलना। इसे चालाकी और चतुराई के फरफेक्ट कॉम्बीनेशन से ही जीता जा सकता है। विरोधी खिलाड़ी को मात देने के लिए गेम के हर राउंड में नई-नई टेक्निक अपनानी पड़ती है। ब्रिज को समझने के लिए दुनियाभर में कई रिसर्च होने के साथ हजारों किताबें भी लिखी जा चुकी है।
15 साल की उम्र से खेल रहे ब्रिज
71 वर्षीय खिलाड़ी गंगल ने बताया कि वे 8 साल की उम्र से ही पिता को ब्रिज गेम खेलते हुए देखा करते थे। लेकिन, उन्होंने कभी मुझे यह गेम नहीं सिखाया लेकिन अपने स्तर पर सीखने व समझने की कोशिश करता रहा। 15 साल की उम्र में पहली बार ब्रिज गेम खेला। इसके बाद से लगातार आज तक खेल ही रहा हूं। अब तक 20 बार स्टेट चैम्पियनशिप व 4 बार नेशनल चैम्पियनशिप जीत चुका हूं।
आईआईएम में स्टूडेंट्स को सिखाया जाता है ब्रिज
गंगल ने बताया कि इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मैनेजमेंट अहमदाबाद में मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स को स्कील व माइंड डवलपमेंट के लिए ब्रिज गेम सिखाया जाता है। वहां इसकी अलग से क्लास संचालित की जाती है। उन्होंने बताया कि यहां का विद्यार्थी मल्टीनेशनल कम्पनियों में मैनेजर के पद पर कार्य करता है। ऐसे में स्टूडेंट्स में निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होनी चाहिए।