बेटे ने लिया था कर्ज, सूदखोर ने मां-बाप को धमकाया, जबरन हस्ताक्षर करने का आरोप
कोटा। कोटा कर्ज से परेशान एक दंपति ने बुधवार को सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली थी। इधर, जब पुलिस ने जांच की तो उसके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला। सुसाइड नोट में सूदखोरों के साथ छोटा बेटा और बड़ी बहू का भी जिक्र है.परिजनों के मुताबिक पति-पत्नी साहूकारों की धमकियों से परेशान थे. उनके एक बेटे ने साहूकारों से कर्ज लिया था। बेटे का कर्ज चुकाने के लिए उनका घर तक बिक गया, फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा था।मामला कोटा शहर के आरके पुरम थाना क्षेत्र के रोजड़ी इलाके का है. यहां रहने वाले हार्डवेयर व्यवसायी राजकुमार (58) और उनकी पत्नी शालिनी (52) ने बुधवार सुबह करीब छह बजे सल्फास की गोलियां खा ली थीं। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक राजकुमार के दो बेटे हैं बड़ा बेटा करण और छोटा भुवनेश। डेढ़ साल पहले तक सभी साथ रहते थे, लेकिन उसके बाद दोनों अलग हो गए। बड़ा बेटा करण एक दुकान पर काम करता है और भुवनेश अपने पिता के साथ हार्डवेयर की दुकान चलाता था। सुसाइड नोट में छोटे बेटे का जिक्र है। परिजनों ने बताया कि छोटा बेटा क्रिकेट सट्टे का शौकीन था। उसने सट्टेबाजी के लिए साहूकारों से 25 लाख का कर्ज लिया था। जब वह चुका नहीं सका तो सूदखोरों ने राजकुमार के 30 लाख के घर को गिरवी रख दिया था और उसे वसूलने के लिए दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
बताया यह भी जा रहा है कि परिवार पहले ही एक मकान बेच चुका था, लेकिन इसके बाद भी साहूकारों ने हार नहीं मानी। वे राजकुमार और उसकी पत्नी पर पैसे देने का दबाव बनाते रहे। परेशान होकर पति-पत्नी ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। आरके पुरम थाने के सीआई अनिल जोशी ने बताया कि पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर दी गई है। इसमें कुछ लोगों पर कर्ज चुकाने के लिए डरा धमकाकर परेशान करने का आरोप लगाया है। इसके बाद 6-7 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी भी इसी इलाके में रहते हैं।
मृतक के बड़े बेटे करण ने बताया- 'करीब 6 बजे फोन आया था। उसने अलविदा कहा, हम जा रहे हैं, उसने गोली ले ली है। इसके बाद फोन कट गया। मैं दौड़ता हुआ घर पहुंचा तो दोनों को उल्टियां हो रही थीं। इसके बाद करीब 7 बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब तक पिता की मौत हो गई। फिर मां की भी मौत हो गई। किसी से पैसा लेना था और किसी को देना भी था। तीन-चार लोग हैं। बेटे ने मौके पर जाकर माता-पिता को संभाला और अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। राजकुमार हार्डवेयर की दुकान लगाता था। जानकारी के मुताबिक शालिनी आंगनबाड़ी में काम करती थी।