कहीं कम पानी तो कहीं ज्यादा से खेतों में खराब हुआ बीज, किसान परेशान

Update: 2023-07-10 10:09 GMT
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में इन दिनों जहां खरीफ की बुवाई का दौर अंतिम चरण में है। वहीं कहीं पानी की कमी तो कहीं अधिकता से कई खेतों में बीज खराब होने से अंकुरण नहीं हो पाया। इसके साथ ही कई खेतों अंकुरण काफी कम हुआ है। ऐसे में किसानों को दुबारा बुवाई करनी पड़ रही है। अभी मौसम खुलते ही कई खेतों में बुवाई की जा रही है। अंकुरण नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिले में कई किसानों ने पहली बारिश के दौरान ही बुवाई कर दी थी। वहीं कई किसानों में बाद में बुवाई की थी। लेकिन कुछ खेतों में बुवाई के बाद ही तेज बारिश हो गई। जिससे सोयाबीन का बीज खेतों में ही दबने अंकुरण नहीं हो पाया। काफी कम अंकुरण हुआ था। ऐसे में किसानों को यहां अब फिर से दुबारा बुवाई करनी पड़ रही है। गत चार दिनों से लगातार बारिश के कारण बुवाई नहीं हो पाई थी। जिलेे में शुक्रवार को मौसम खुल गया। इससे खेतों में बुवाई की जा रही है।
जिले में इस वर्ष कृषि विभाग की ओर से कुल खरीफ में लक्ष्य एक लाख 93 हजार 465 हैक्टेयर रखा गया है। इसकी एवज में एक लाख 55 हजार 524 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। जबकि अन्य इलाकों में बुवाई का दौर चल रहा है। खरीफ की सीजन में सबसे अधिक सोयाबीन की फसल बोई जा जाती है। सोयाबीन का लक्ष्य एक लाख 30 हजार हैक्टेयर रखा गया है। जबकि अब तक एक लाख 27 हजार 268 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। मक्का बुवाई का लक्ष्य 48 हजार हैक्टेयर में है। इसकी एवज में अब तक 44 हजार 750 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। क्षेत्र में जहां ट्रैक्टरों से बुवाई की जा रही है। वहीं क्षेत्र में आज भी कई किसान परम्परागत तकनीक से बुवाई करने में जुटे हुए है। यहां इन दिनों बुवाई का दौर अंतिम चरणों में चल रहा है। वहीं क्षेत्र में सोयाबीन और मक्का की बुवाई की जा रही है। क्षेत्र में जिन खेतों में पहली और दूसरी बारिश के दौर में बुवाई नहीं की गई थी। वहां अब बुवाई की जा रही है।
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