उदयपुर न्यूज, धर्म प्रचारक रामलीला मंडल काशी द्वारा रात 8 से 11 बजे तक आमेट स्थित वली रोड स्थित गांधी चेंबर के समीप दस दिवसीय रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. रामलीला के तीसरे दिन सीता स्वयंवर का मंचन किया गया।
जिसमें रावण और बाणासुर जैसे वीर योद्धा आते हैं। धनुष तोड़ना तो दूर, धनुष किसी से हिला तक नहीं। यह देखकर राजा जनक को बड़ा दुख हुआ कि उनकी पुत्री सीता अविवाहित रहेगी। उस पर वे राजाओं को कोसने लगते हैं कि यह पृथ्वी वीरों से रहित है। अनुज लक्ष्मण इन शब्दों को सुनकर बहुत दुखी होते हैं और कहते हैं, हे राजा, यह भूमि वीरों की है, जिस दिन कोई वीर नहीं होगा, उस दिन यह पृथ्वी रसातल में चली जाएगी।
राजन अपनी बात सम्भालकर रखना और कहना कि हमारे भाई का आदेश है और गुरु जी का, फिर इस धनुष की क्या गुंजाइश है, मैं सारी सृष्टि को उठा सकता हूँ। इस पर राम जी खड़े हो जाते हैं और कहते हैं अनुज इतना गुस्सा होना ठीक नहीं है। तभी विश्वामित्र इशारा करते हैं कि राम जी धनुष तोड़ दें, धनुष तोड़ते ही पूरा पंडाल जय श्री राम के नारों से गूंजने लगता है।