शिक्षा रैंकिंग का बदला पैटर्न, जिला छठे स्थान से लुढ़ककर 14वें पर पहुंचा
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भरतपुर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी जिलों की जनवरी माह की शिक्षा रैंकिंग बदले गए नए पैटर्न के आधार पर जारी की है। भरतपुर जिले के शिक्षा अधिकारी बदले पैटर्न को ठीक से समझ ही नहीं पाए और छुट्टियां होने से ऑनलाइन फीडिंग का कार्य नहीं हुआ। इस वजह से भरतपुर जिला छठवें से लुढ़ककर 14वें स्थान पर आ गया है। जबकि संभाग का सवाईमाधोपुर जिला दूसरे स्थान पर और करौली जिला चौथे स्थान पर रहकर भरतपुर संभाग मुख्यालय को पीछे छोड़ दिया है। घोषित रैंकिंग के मुताबिक प्रथम स्थान पर नागौर, दूसरे स्थान पर सवाई माधोपुर और तीसरे स्थान पर सीकर जिला रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से रैंकिंग जारी की है।
बता दें कि शिक्षा परिषद की ओर से हर महीने 44 बिंदुओं के आधार पर सभी सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन रैंकिंग तय होती थी, लेकिन नवंबर माह से पैटर्न बदल गया और 15 बिंदुओं पर रैंकिंग तय की जाने लगी। फिलहाल 13 प्वाइंटों पर ही रैंकिंग तय की गई है। जिसमें डेटा ऑनलाइन फीडिंग करना होता है। रैंकिंग के प्रभारी समसा के एपीसी अशोक गुप्ता का कहना है कि शीतकालीन छुट्टियों में फीडिंग का कार्य पूरा नहीं होने और नया पैटर्न समझ नहीं पाने की वजह से रैंकिंग में हम पिछड़ गए, अब जिला मुख्यालय पर ट्रेनिंग दी गई है।