सोनिया गांधी को सीनियर नेता हनुमंत राव ने लिखा पत्र, जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाने की मांग की

कांग्रेस के पूर्व सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता वी हनुमंत राव ने शनिवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उदयपुर में हो रहे ‘चिंतन शिविर’ में जातिवार जनगणना के मुद्दे को प्राथमिकता से उठाने को कहा.

Update: 2022-05-15 02:33 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कांग्रेस के पूर्व सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता वी हनुमंत राव ने शनिवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उदयपुर में हो रहे 'चिंतन शिविर' (Congress Chintan Shivir) में जातिवार जनगणना के मुद्दे को प्राथमिकता से उठाने को कहा. अपने पत्र में राव ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की टिप्पणियों का समर्थन किया कि असाधारण परिस्थितियां असाधारण कार्यों की मांग करती हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए मुख्य रूप से ओबीसी के विभिन्न वर्गों के सभी अनुरोधों और मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा, 'साल 2018 में जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे, तो उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि जाति के आधार पर जनगणना की जाएगी. लेकिन उसका आश्वासन अभी तक देखने को नहीं मिला है. यहां तक ​​कि ओबीसी समुदाय से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस महत्वपूर्ण मुद्दे की परवाह नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'यह सच्चाई है कि जाति के आधार पर जनगणना साल 1931 में बहुत पहले की गई थी. आज तक देश की जाति-वार जनसंख्या पर कोई स्पष्टता नहीं है.'
'OBC आबादी के बीच जाएगा पॉजिटिव संदेश'
उन्होंने कहा, 'मैं ओबीसी सांसदों के संसदीय मंच का पूर्व संयोजक होने के नाते विनम्रतापूर्वक सुझाव देता हूं कि कृपया एनडीए सरकार पर दबाव बनाने के लिए चिंतन शिविर में जातिवार जनगणना के मुद्दे को प्राथमिकता से उठाएं.' पत्र में कहा गया कि, इस संबंध में हमारी पहल देश में ओबीसी आबादी के बीच एक सकारात्मक संदेश भी देगी, और कमजोर वर्ग खुशी महसूस करेंगे. इसके अलावा, ओबीसी के वोट बैंक के कांग्रेस पार्टी की ओर झुकाव की भी संभावना है.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपने संगठन में हर स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशित सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकती है. पार्टी के नेता के राजू ने बताया कि चिंतन शिविर में चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव आया है और इसे अनुमोदन के लिए कांग्रेस कार्य समिति के पास भेजा जा सकता है.
चिंतन शिविर के लिए गठित कांग्रेस की सामाजिक न्याय संबंधी समन्वय समिति के सदस्य राजू ने संवाददाताओं से कहा, 'इसको लेकर चर्चा की गई कि क्या संगठनात्मक सुधार करने चाहिए, जिससे पार्टी कमजोर तबकों तक संदेश दे सके.' उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव भी आया है कि कांग्रेस के अध्यक्ष के अंतर्गत एक सामाजिक न्याय सलाहाकर समिति बनाई जाए. यह समिति सुझाव देगी कि क्या कदम उठाने चाहिए कि इन तबकों का विश्वास जीता जा सके.
सोशल इंजीनियरिंग की राह अपनाने की तैयारी में कांग्रेस
लगातार चुनावी हार के चलते अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस कमजोर वर्गों को एक बार फिर से अपने साथ जोड़ने के लिए सोशल इंजीनियरिंग की राह अपनाने की तैयारी में है. वह अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए संगठन में हर स्तर पर 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर सकती है. पार्टी के चिंतन शिविर के दूसरे दिन इस विषय पर सहमति बनाने के साथ ही कांग्रेस ने महिला आरक्षण को लेकर कोटे के भीतर कोटा के प्रावधान पर अपने रुख में बदलाव की तरफ कदम बढ़ाया और उसने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की पैरवी का मन बनाया.
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