सांभर झील प्रबंधन एजेंसी की कार्यकारी समिति की दूसरी बैठक आयोजित -हितधारक
सांभर झील प्रबंधन एजेन्सी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मोनाली सेन ने कहा कि सांभर झील के बेहतर प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए स्थानीय प्रशासन सहित हितधारकों एवं अन्य विभागों को समन्वय के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सांभर झील एक ऐसी खारी आर्द्रभूमि है जो रोजगार के साधन के साथ फ्लेमिंगो सहित अन्य कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों का विचरण स्थल भी है। इसलिए सांभर झील के प्राकृतिक स्वरुप के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक्शन प्लान तैयार कर सतत रूप से प्रयास करने होंगे।
श्रीमती मोनाली सेन शुक्रवार को यहाँ सचिवालय में सांभर झील प्रबंधन एजेंसी की कार्यकारी समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। इस दौरान उन्होंने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बैठक के एजेंडा मौजूदा समिति सदस्यों के साथ विस्तार से से चर्चा कर कहा कि सांभर झील के विकास एवं संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है। अतः स्थानीय प्रशासन के साथ संबंधित हितधारकों एवं आमजन को भी साथ आकर सहयोग देना होगा ताकि शीघ्र ही सांभर झील के विकास की संकल्पना को साकार किया जा सके।
-अनाधिकृत अतिक्रमणों पर हो कार्यवाही
श्रीमती मोनाली सेन ने कहा कि सांभर झील का जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है जिसका एक बड़ा कारण झील क्षेत्र में हो रहे अनाधिकृत अतिक्रमण भी है। उन्होंने बैठक में मौजूद सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अधिकारी मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का आंकलन कर कार्यवाही करें। ताकि झील के विकास कार्यों में तेजी लायी जा सके।
इस दौरान सांभर झील के संरक्षण,संवर्धन एवं विकास हेतु एक विस्तृत कार्य योजना का प्रारूप तैयार कर सभी सदस्यों को उपलब्ध करवाया गया जिस पर 31 अक्टूबर 2023 तक सुझाव एवं आपत्तियां मांगी गई है।
बैठक में जयपुर शहर के उपवन संरक्षक एवं सांभर झील प्रबंधन एजेंसी के नोडल अधिकारी श्री वी केतन कुमार, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह, नावां एवं रूपनगढ़ के उपखण्ड अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।