Jaipur: खानपुर में खरीफ फसल वर्ष 2021 व 2022 में बाढ़ से प्रभावित को राशि का भुगतान

Update: 2025-02-03 09:48 GMT
Jaipur जयपुर । आपदा प्रबंधन एवं सहायता राज्य मंत्री श्री ओटाराम देवासी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि विधान सभा क्षेत्र खानपुर में खरीफ फसल वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 में बाढ़ से प्रभावित कुल 1 लाख 39 हजार 377 पात्र काश्तकारों को 8208.91 लाख रुपए का एसडीआरएफ नोर्म्स अनुसार कृषि आदान-अनुदान भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि इस अवधि का कोई भी काश्तकार कृषि आदान अनुदान भुगतान से शेष नहीं है।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों, गरीबों एवं वंचितों के कल्याण के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में बाढ़, आगजनी आदि प्राकृतिक आपदाओं से किसान को हुए नुकसान के मुआवजे का भुगतान एसडीआरएफ नोर्म्स के आधार पर किया जाता है।
उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्र खानपुर में 7डी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 से वर्ष 2024 तक की अवधि में बाढ़ से खरीफ फसल वर्ष 2021 में कुल 81 हजार 822 हैक्टेयर एवं वर्ष 2022 में 82 हजार 673 हैक्टेयर में 33 प्रतिशत या इससे अधिक का फसल खराबा हुआ। उन्होंने ग्राम पंचायतवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
इससे पहले विधायक श्री सुरेश गुर्जर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में आपदा प्रबंधन एवं सहायता राज्य मंत्री ने बताया कि विधान सभा क्षेत्र खानपुर में वर्ष 2021 से वर्ष 2024 तक की अवधि में रबी फसल में तथा खरीफ फसल वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 में काश्तकारों की बोई हुई फसलों में 33 प्रतिशत या इससे अधिक का फसल खराबा नहीं हुआ है। उन्होंने विधान सभा क्षेत्र खानपुर में खरीफ फसल वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 (बाढ़) में गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर फसल खराबे का ग्राम पंचायतवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा जारी एसडीआरएफ नोर्म्स दिनांक 10 अक्टूबर 2022 में भूमिहीन पशुपालकों के पशुओं की आकाशीय बिजली गिरने से हुई मृत्यु पर मुआवजा व सहायता देय है।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता राज्य मंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र खानपुर में विगत तीन वर्षों में भूमिहीन पशुपालकों के 2 आवेदन निरस्त किये गये, उक्त दोनों आवेदन 10 अक्टूबर 2022 से पूर्व में घटित घटनाएं होने के कारण तात्कालिक नोर्म्स दिनांक 8 अप्रैल 2015 के अनुसार भूमिहीन पशुपालकों को पशु मृत्यु होने पर सहायता देय नहीं होने के कारण निरस्त किये गये।
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