Jaipur: मनरेगा के तहत लाभार्थी की निजी भूमि पर पशु आश्रय के निर्माण का प्रावधान

Update: 2025-02-03 10:16 GMT
Jaipur जयपुर । जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि महात्मा गाँधी नरेगा योजना के अंतर्गत अनुमत कार्यों की श्रेणी बी के तहत पशुपालन के लिए बकरी आश्रय, शूकर आश्रय एवं कुक्कुट आश्रय आदि का निर्माण लाभार्थी की निजी भूमि पर कराए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन के रख-रखाव हेतु टीनशेड निर्माण के लिये आर्थिक स्वीकृति देने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।
श्री खराड़ी प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के माध्यम से पशुपालन विभाग द्वारा फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत जनजाति वर्ग के पट्टा धारकों को भेड़, बकरी, सूअर एवं मुर्गीपालन विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा।
इससे पहले विधायक श्री गोपीचंद मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव हेतु टीनशेड निर्माण के लिये जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा नियम प्रावधान बनाकर आर्थिक स्वीकृति देने की वर्तमान में कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।
उन्होंने बताया कि पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव हेतु टिनशैड निर्माण कराने हेतु प्रस्ताव पशुपालन विभाग के माध्यम से प्राप्त होने पर उनकी आवश्यकता, बजट की उपलब्धता एवं उपादेयता के आधार पर परीक्षण कर गुणावगुण के आधार पर विचार किया जा सकेगा।
Tags:    

Similar News

-->