जयपुर, (आईएएनएस)| पुलवामा के तीन शहीदों की विधवाओं ने सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। हाल ही में पुलिस ने कथित तौर पर उस समय विधवाओं को पीटा, जब वे अपनी मांगों के साथ आवाज उठा रही थीं। वे पायलट के सामने रोती नजर आईं। उन्होंने कहा, "पुलिस ने हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया है। हमारे पति देश की रक्षा के लिए शहीद हुए। हमें भी गोली मार दो, लेकिन दुर्व्यवहार मत करो।"
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, "शहीदों की विधवाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पूरे देश ने देखा है कि पुलिस ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया। यह निंदनीय है, अस्वीकार्य है।"
उन्होंने कहा, "मांगें पूरी करने के लिए थोड़ा और समय ले लें, लेकिन शहीदों की विधवाओं के साथ दुर्व्यवहार करना गलत है। पुलिस के लिए यह सही नहीं है कि हम जिन महिलाओं का सम्मान करते हैं, उन्हें वे पीटें।"
पायलट ने कहा, "जिन्होंने देश के लिए शहादत दी है, उनकी विधवाओं की मांगें सभी बाधाओं को पार करके पूरी करनी होगी। उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। उनकी मांगें हर कीमत पर पूरी की जानी चाहिए। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की, उनकी मांगें पूरी करें।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर सरकार कहती है कि कोई प्रावधान नहीं है तो यह सही नहीं है। जब दूसरों के लिए प्रावधानों को बदला जा सकता है, तो युद्धवीरों की विधवाओं के लिए भी प्रावधान बदलकर रास्ता निकाला जा सकता है।"
पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहताश लांबा की पत्नी मंजू, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा और जीतरत गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी ने कहा, "हमारी मांगें सुनने को कोई तैयार नहीं है। हमें प्रियंका गांधी से मिलवाएं। हमें न्याय दिलाएं। पिछले सात दिनों से हम बिना खाए-पिए बैठे हैं, लेकिन किसी ने हमारी सुध नहीं ली। जब हम मुख्यमंत्री से मिलने जाने लगे तो पुलिस ने हमारे साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया कि हम बता नहीं सकते।"
सोमवार दोपहर करीब 1.45 बजे सिविल लाइंस (राजभवन के पीछे) स्थित पायलट के सरकारी आवास पर अचानक पहुंचीं शहीदों की विधवाओं को सुरक्षाकर्मियों ने एक बार रोकने की कोशिश की। करीब तीन महिलाओं की सुरक्षाकर्मियों से बात हुई। इसके बाद पायलट बाहर आए और उन्होंने शहीदों की विधवाओं के साथ जमीन पर बैठकर बात की। उन्हें पायलट के बंगले पर खाना भी खिलाया गया।
--आईएएनएस