जोधपुर। राजस्थान में मंगलवार सुबह एनआईए की टीम ने लॉरेंस के गुर्गों के यहां छापेमारी की। इसका कनेक्शन जोधपुर से भी सामने आया है। यहां भी उसके एक गुर्गे कैलाश मंजू के यहां छापेमारी की गई। एनआईए लॉरेंस के सिंडिकेट कनेक्शन और हथियारों के व्यापार की जांच कर रही है। इस बीच पांच दिन पहले जोधपुर में सरपंच की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
सरपंच की हत्या की साजिश रचने वाला लॉरेंस का गुर्गा और मास्टरमाइंड उम्मेदार सिंह सोशल मीडिया के जरिए गैंगस्टर के संपर्क में था. वह लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल के साथ मिलकर जोधपुर में आतंक फैलाने की योजना बना रहा था. इसके लिए हथियारों की सख्त जरूरत थी।\जोधपुर पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि लॉरेंस का गुर्गा उम्मेद सिंह भी इन हथियारों की खरीद के लिए जोधपुर में जाली नोटों का बड़ा रैकेट चला रहा था. और इन्हीं नकली नोटों से हथियार खरीदे जा रहे थे.बताया जा रहा है कि गिरोह के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह हाईटेक हथियार खरीद सके. इसी के चलते लॉरेंस की गैंग से जुड़ा उम्मेद सिंह नकली नोट छापने लगा. उसके घर से तीन लाख रुपये से अधिक के नकली नोट भी बरामद किए गए हैं।
इन नकली नोटों से उसने सरपंच चुन्नीलाल टांक को मारने के लिए हथियार खरीदे थे। इससे पहले जब पुलिस उम्मेद सिंह को शेरगढ़ (जोधपुर) स्थित चाबा गांव स्थित उसके घर ले गई तो वहां भी नकली नोट छापने की मशीन मिली. लेकिन, जब उससे नकली नोटों के बारे में सवाल किया गया तो उसने बताया कि वह इन नकली नोटों से गैंग के लिए हथियार खरीदता था.
वह नकली नोटों के बीच असली नोट डालकर हथियार खरीदकर गिरोह के सदस्यों को दे देता था। एडीसीपी नाजिम अली ने बताया कि इस संबंध में जोधपुर पुलिस की एक टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो चुकी है. मंडोर थानाध्यक्ष मनीष दवे ने बताया कि टीम को इसका कनेक्शन इंदौर के समीप एक गांव से मिला है और पुलिस अब इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करने में लगी है.