Jaipur जयपुर: कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को अजमेर में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य पार्टी सांसद इमरान मसूद से मुलाकात की और विधेयक के प्रावधानों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। यह विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और तीखी बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था। 31 सदस्यीय समिति संसद के अगले सत्र तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार ने जहां दावा किया है कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है, वहीं विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने और संविधान पर हमला बताया है।
मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने अजमेर के दौरे पर आए मसूद से मुलाकात की और कहा कि समुदाय के सदस्य संशोधनों का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वक्फ मुसलमानों का धार्मिक मामला है। जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है, "हम सरकार को अपने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देंगे। संविधान हमें अपने धर्म के अनुसार काम करने की इजाजत देता है। सच तो यह है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है।" उन्होंने कहा, "वक्फ पूरी तरह से धार्मिक मामला है और इसमें हस्तक्षेप उचित नहीं होगा।" प्रतिनिधिमंडल में गुलाम मुस्तफा चिश्ती, मुजफ्फर भारती, रब नवाज जाफरी, मंजूर अली, अशरफ बुलंद खान, अजमत खान और वाहिद मोहम्मद शामिल थे।