Madhupur: बांस टोरडा गांव की मूर्तिकला का जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने किया
Madhupur मधुपुर: राज्य सरकार के निर्देशानुसार एक जिला एक उत्पाद के तहत संगमरमर की मूर्ति के लिए चिन्हित बौंली उपखण्ड के बांस टोरड़ा गांव का गुरूवार को जिला कलक्टर शुभम चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने हस्तशिल्पियों द्वारा बनाई गई देवी देवताओं, महापुरूषो व पशुओं की संगमरमर की मूर्तिकलां का अवलोकन कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा गांव में कम वोल्टेज आने व पेयजल की समस्या के साथ-साथ मूर्तिकलाकारों की मुख्य समस्या स्थान, कच्चा माल के साथ-साथ उनके उत्पाद को उचित बाजार की उपलब्धता है। ग्रामीणों द्वारा मूर्तिकलां को प्रोत्साहन देने एवं रोजगार के बढ़ावा देने के लिए बांस टोरड़ा गांव में मूर्तिकलां के क्षेत्र में कार्य करने वाले शिल्पियों हेतु शिल्पग्राम बनवाने की मांग गई। इस पर जिला कलक्टर ने जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक सुग्रीव मीणा को गांव के शिल्पियों से सुझाव लेकर शिल्पग्राम बनवाने के लिए प्रस्ताव तैयार करवाने के निर्देश प्रदान किए।
मूर्तिकलां के लिए प्रसिद्ध बांस टोरड़ा गांव:- राजस्थान कलां व संस्कृति के परिपूर्ण है यहां के कलाकार ने सदियों से अपनी कलां का पर्चम देश विदेश में लहराया है। राजस्थान का सवाई माधोपुर जिला भी बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकारों के ख्यात है। सवाई माधोपुर के बौंली खण्ड का गांव बांस टोरडा मूर्तिकलां के लिए देश-विदेश में अपनी कलां से प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। बांस टोरड़ा के करीब 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों की आजीविका का आधार संगमरमर (मार्बल) मूर्तियां बनाना है।