BIG BREAKING: ACB ने की बड़ी कार्रवाई, 4 रिश्वतखोरों को किया गिरफ्तार

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Update: 2025-01-09 17:46 GMT
Rajasthan. राजस्थान। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा लागातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जा रहा है. 9 जनवरी को एसीबी की टीम ने तीन जिलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए VDO, सरपंच, रेवेन्यू कर्मी, और नगरपालिका वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई चित्तौड़गढ़, अलवर और बांरा जिले में की गई है। एसीबी कोटा टीम ने बारां जिले के मांगरोल नगर पालिका में ट्रेप की कार्रवाई की है. मांगरोल नगरपालिका के वरिष्ठ सहायक धन प्रकाश को 10 हजार लेते रंगे हाथों ट्रैप किया है।

आरोपी रिश्वत की रकम परिवादी के बिल पास करने की एवज में मांग रहा था. एएसपी विजय स्वर्णकार के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी थी कि उसकी फर्म ने नगरपालिका में कार्य किए थे. बिलों के भुगतान की एवज में वरिष्ठ सहायक धनप्रकाश 35 हजार की मांग कर रहा था. शिकायत सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि की गई. जिसके बाद ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया. डीएसपी अनीश अहमद की अगुवाई में टीम ने धनप्रकाश को 10 हजार लेते रंगे हाथों पकड़ा. फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ की जा रही हैं। लवर राजस्व अपील अधिकारी के बाबू जितेंद्र मीणा को डेढ़ लाख की रिश्वत के साथ एसीबी ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है।

अलवर कोर्ट परिसर में स्थित रजब अपील अधिकारी के बाबू को कोर्ट गेट पर एसीबी ने घूस लेते गिरफ्तार किया है. एसीबी ने बताया कि मामले में परिवादी रमन लाल सैनी ने की शिकायत की थी. शिकायत में बताया था कि स्कूल की जमीन को लेकर राजस्व अपील अधिकारी के समक्ष मामला चल रहा था. पूर्व में विपक्ष पार्टी से मिल लिए थे, अबकी बार परिवादी से मिले तो रिश्वत की मांग की. मामले में 27 नवंबर को स्टे कर दिया गया था. उसे हटवाने की एवज में राजस्व अपील अधिकारी के बाबू ने डेढ़ लाख की डिमांड की थी. गुरुवार को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते समय उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि ठेकेदार ने सहनवा ग्राम पंचायत के बोजुन्दा में स्कूल के दो कमरें और एक बरामदे का निर्माण करवाया गया था।

स्कूल निर्माण के लिए ठेकेदार को 22 लाख रुपये का कॉन्ट्रेक्ट मिला हुआ था. वहीं, इस काम के लिए ठेकेदार को पहली किश्त के रूप में 7 लाख 65 हजार रुपये के बिल का भुगतान होना था. लेकिन इस राशि को VDO और सरपंच के द्वारा पास नहीं किया जा रहा था. जबकि बिना रिश्वत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी एक दूसरे को OTP शेयर नहीं कर रहा था. इस वजह से भुगतान की प्रक्रिया लटकी हुई थी. लेकिन भुगतान राशि पर दोनों को 5-5 फीसदी रिश्वत तय होने के बाद ओटीपी दिया गया. इसके बाद ठेकेदार का भुगतान भी हो गया. लेकिन इस दौरान ठेकेदार ने ACB को शिकायत दे दी गई. सत्यापन के बाद गुरुवार (9 जनवरी) को एसीबी की टीम ने सरपंच और वीडीओ को ट्रैप करने की योजना बनाई. जिसमें सरपंच भेरू लाल सुथार 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. इसमें 35 हजार वीडीओ दीपक चतुर्वेदी का भी था. वहीं VDO को पंचायत समिति के गेट पर पकड़ लिया गया।
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