राजस्थान: शिक्षा, राजस्व समेत तीन मंत्रियों का इस्तीफा, माकन बोले- 'सभी संगठन के लिए करना चाहते हैं काम'

राजस्थान न्यूज़

Update: 2021-11-19 16:45 GMT

राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक चल रहा है? सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि नए कैबिनेट के बनने से पहले राज्य के तीन मंत्रियों के इस्तीफे से हलचल बढ़ गई है। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले तीन मंत्रियों के ताबड़तोड़ इस्तीफा देने की खबर आई है। शुक्रवार को अशोक गहलोत कैबिनेट के तीन मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को दिया है। इस्तीफा देने वालों में गोविंद डोटासरा, रघु शर्मा, और हरीश चौधरी शामिल हैं। गोविंद डोटासरा राज्य के शिक्षा मंत्री थे जबकि हरीश चौधरी राजस्व मंत्री और रघु सर्मा स्वास्थ्य मंत्री के पद पर थे। इन तीनों मंत्रियों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है।

इस बात की पूरी संभावना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे। 21 या 22 नवंबर को ये मंत्री शपथ भी लेंगे। राजस्थान के तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बारे में अजय माकन ने बताया है। गोविंद डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। जबकि रघु शर्मा गुजरात कांग्रेस के प्रभारी हैं तो वहीं हरीश चौधरी को हाल ही में पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि इन तीनों मंत्रियों ने सोनिया गांधी को खत लिखकर मंत्रीपद छोड़ने की इच्छा जताई थी क्योंकि यह सभी नेता संगठन के लिए काम करना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि 'एक व्यक्ति एक पद' वाले फॉर्मूले की वजह से तीनों मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए हैं। दरअसल हाल ही में राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान को खत्म करने की कोशिश के तहत पार्टी आलाकमान के दखल के बाद दोनों नेताओं के बीच कैबिनेट विस्तार का फॉर्मूला तय हुआ था।
पार्टी सूत्रों की मानें तो हाईकमान के साथ मीटिंग में ये तय किया गया है कि अशोक गहलोत के पसंद के सात मंत्री बनाए जाएंगे। जबकि सचिन पायलट के पसंद के पांच मंत्री बनाए जाएंगे। इसके अलावा, बड़ी संख्या में मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। इस बात के संकेत खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चुके हैं। पायलट गुट की ओर से हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रमेश मीणा, बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीणा मंत्री बन सकते हैं। बता दें कि बीते करीब तीन सालों से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। सचिन पायलट अकसर अपने करीबियों को कैबिनेट में जगह देने की मांग करते रहे हैं। अब तक कैबिनेट में फेरबदल को अशोक गहलोत टालते रहे हैं, लेकिन अब जल्द ही राजस्थान कैबिनेट का विस्तार होगा।


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