परिजनों ने नाबालिग के साथ की डंडों से मारपीट, केस दर्ज

Update: 2023-06-02 07:23 GMT
कोटा। कोटा 16 साल की नाबालिग के मज़दूरी करके घर पर लेट आने पर परिजनों ने डंडों से पिटाई कर दी। पिटाई से गुस्सा होकर नाबालिग घर से भाग गई। दो दिन तक इधर उधर रही। बालिका के नही मिलने पर परिजनों कुन्हाड़ी थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति ( CWC) के सामने पेश किया। समिति ने उसे बालिका गृह में अस्थाई आश्रय (शेल्टर) दिलाया। बाल कल्याण समिति रोस्टर सदस्य मधुबाला शर्मा ने बालिका नवीं कक्षा तक पढ़ी लिखी है। चार भाई बहिन में सबसे बड़ी है। पिता की 12 साल पहले मौत हो चुकी। मां ने दूसरी शादी कर ली। बालिका अपने भाई बहिनो के साथ दादा-चाचा के पास रहती है। काउंसलिंग में बालिका ने बताया कि परिजनों ने उसकी पढ़ाई छुड़वा दी और मजदूरी करने को मजबूर किया।
भाई बहनों पालन के लिए वो पन्नियां बीनने का काम करती है। रोज 400 से 500 रुपए कमाकर परिजनों को देती। इसके बाद ही भाई-बहनों को खाना मिलता था। 29 मई को मजदूरी पर गई थी। देरी से घर लौटने पर दादा व चाचा ने उसकी डंडों से पिटाई की। उसकी पीठ पर निशान बन गए। बार बार पिटाई से तंग आकर रात 11 बजे बिना बताए घर से निकल गई। और मोहनलाल सुखाड़िया आवासीय योजना में चली गई। दो दिन बाद पुलिस उसे ढूढ़ते हुए वहां पहुंच गई। मधुबाला शर्मा ने बताया कि परिजन उससे बालश्रम करवाते थे। बार-बार पिटाई करते थे। पिटाई के डर से बालिका ने घर छोड़ा। बालिका अपने दादा और चाचा से बहुत डरी हुई है। वो परिजनों के साथ नहीं रहना चाहती। संरक्षण की आवश्यकता होने पर उसे बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया। इस मामले में पुलिस अपनी अग्रिम कार्रवाई कर रही है।
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