अलवर। अलवर राज्य सरकार की ओर से एनसीआर में स्क्रेप पॉलिसी लागू करने के बाद परिवहन विभाग ने अवधिपार वाहनों को डी-रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। कुछ माह पहले परिवहन विभाग ने जनवरी-2023 तक समयावधि पूरी करने वाले वाहनों को डी-रजिस्टर्ड किया था। अब जुलाई तक जिन वाहनों की समयावधि पूरी हो चुकी है उन्हें डी-रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्क्रेप पॉलिसी के तहत अब एनसीआर क्षेत्र अलवर और भरतपुर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकेंगे। प्रादेशिक परिवहन कार्यालय अलवर में वर्ष-2008 में जनवरी से दिसम्बर तक 25 हजार 924 पेट्रोल वाहन रजिस्टर्ड हुए। जिनमें 24 हजार 65 दुपहिया तथा 1 हजार 859 चौपहिया वाहन शामिल हैं। वहीं, वर्ष 2013 में जनवरी से दिसम्बर रजिस्टर्ड होने वाले डीजल वाहनों की संख्या 5 हजार 782 रही। एनसीआर के नियमानुसार ये पेट्रोल वाहन 15 साल और डीजल वाहन 10 साल की समयावधि पूरी कर चुके हैं या फिर करने वाले हैं। यानी कि अलवर जिले में कुल 31 हजार 706 दुपहिया-चौपहिया वाहन ऐसे हैं, जो आरटीओ के रेकॉर्ड में डी-रजिस्टर्ड और स्क्रेप पॉलिसी में आ रहे हैं। राज्य सरकार की स्क्रेप पॉलिसी के तहत कार्रवाई तेज कर दी गई है। कुछ माह पहले जनवरी-2023 तक के अवधिपार वाहनों की आरसी निरस्त की गई थी। अब जुलाई-2023 तक के अवधिपार वाहनों की आरसी निरस्त कर उन्हें डी-रजिस्टर्ड किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परिवहन विभाग के रेकॉर्ड के अनुसार अलवर जिले में करीब 4 लाख 11 हजार 780 दुपहिया और 39 हजार 772 चौपहिया वाहन (मोटर कार) तथा 591 बसें हैं। अलवर आरटीओ की ओर से हाल ही 31 जनवरी 2023 तक के अवधिपार 12 हजार 79 पेट्रोल और 2 हजार 344 डीजल वाहनों की आरसी निरस्त की गई थी। अब परिवहन विभाग जुलाई-2023 तक के अवधिपार वाहनों की आरसी निरस्त करने जा रहा है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमें करीब 15 हजार अवधिपार वाहनों की आरसी निरस्त की जाएगी।