Rawatbhat: जगह-जगह आवारा मवेशियों के जमावड़े से लोग परेशान

आए दिन होती रहती हैं दुर्घटनाएं

Update: 2024-09-24 08:10 GMT

रावतभाटा: रावतभाटा नगर पालिका की अव्यवस्था और अनदेखी के चलते कोटा बैरियर चौराहे से लेकर बप्पा रावल चौराहे तक करीब 5 किलोमीटर लंबे मुख्य मार्ग पर जगह-जगह आवारा मवेशियों के जमावड़े से आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते हैं। साथ ही सड़क मार्ग पर दिन भर यातायात जाम की समस्या बनी रहती है। जानकारी के अनुसार बीच सड़क पर बैठे इन आवारा मवेशियों के कारण वाहन चालकों को एक साइड से होकर निकलना पड़ता है। जिससे दूसरी साइड से आ रहे वाहनों से टकराने का भय बना रहता है। वहीं रेंग-रेंग कर वाहन निकलने से चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। पेट्रोल की अधिक खपत जेबों पर भारी पड़ रही है। वहीं उनको समय का भी नुकसान होता है। रात्रि में तो जमावड़े से कई लोग दुर्घटना का शिकार होकर होकर चोटिल भी हो चुके हैं। मुख्य सड़क पर आवारा सांड लड़ते रहते हैं। जिससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के इनकी चपेट में आकर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। पूर्व में एक बुजुर्ग गजानंद को सांड ने उठाकर फेंक दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस पर भी नगर में आवारा मवेशियों की समस्या दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। आज भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

गोवंश बना समस्या: नगर वासियों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से छोटे गोवंश की बिक्री या खरीद पर रोक लगाने के कारण छोटे गोवंश की बिक्री नहीं हो पाती। जिससे सड़क पर वाहनों से ज्यादा गोवंश हो गए हैं। ऐसे में दुर्घटना से गोवंश तो चोटिल होते ही हैं, वाहन चालक भी दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल हो जाते हैं।

चरागाह भूमि और हरे चारे का अभाव: क्षेत्र में लगभग सभी चरागाह भूमि पर अतिक्रमियों ने कब्जे कर लिए हैं। जिससे गोवंश और गोपालकों को चारे के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मवेशी जब तक दूध देते हैं तब तक तो गोपालक रखते हैं, उसके बाद उन्हें खुला छोड़ दिया जाता है। ऐसे में गोवंश सड़कों पर ही जमावड़ा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

इनका कहना हैं: मेरे पिता गजानन को सांड ने उठाकर फेंक दिया था। जिससे उनकी मृत्यु हो गई। जिसकी मुझे कोई मुआवजा राशि तक नहीं दी गई है।

- रमेश, पीड़ित

गोवंश को पालने में सबसे बड़ी समस्या पशु को खिलाने के लिए चारे की आती है। जहां चरागाह भूमि के अभाव के कारण गोवंश को पालना कठिन समस्या बन गया है।

- प्रकाश गर्ग, गोपालक

गोवंश दिनभर मुख्य मार्ग पर ही जमावड़ा किए रहते हैं। नगर पालिका को इन सभी गोवंशों को गौशाला में ले जाकर छोड़ना चाहिए। जिससे दुर्घटनाएं घटित नहीं हों।

- नरेंद्र नाथ, शिक्षक

अर्बन क्षेत्र में चरागाह भूमि है। गोपालक स्वयं अपने स्तर पर हरे चारे की व्यवस्था कर सकते हैं। यदि अभाव हो तो अकाल राहत के अंतर्गत चारा सरकार द्वारा मुहैया करवाया जाता है।

- विवेक गरासिया, तहसीलदार, रावतभाटा

मवेशियों को जल्द पकड़कर गौशाला छोड़ा जाएगा।

- मुकेश नागर, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, रावतभाटा 

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