राजस्थान न्यूज: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दी ढेर सारी छूट

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Update: 2022-12-06 14:04 GMT

Source: aapkarajasthan.com

जयपुर न्यूज़- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के बजट में 'राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना' की घोषणा की थी। यह योजना लागू कर दी गई है। ग्रामीण जीवन, कला संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली पर्यटन इकाइयों को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जायेगा। योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयों की स्थापना से स्थानीय लोक कलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा तथा हस्तकलाओं का संरक्षण होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। योजनान्तर्गत ग्रामीण अतिथि गृह, कृषि पर्यटन इकाई, शिविर स्थल, कारवां पार्क का परियोजना अनुमोदन एवं पंजीयन पर्यटन विभाग के संबंधित पर्यटक स्वागत केन्द्र द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन इकाइयों के लिए 15 फुट चौड़ी सड़क का होना जरूरी होगा।
स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी। प्रारंभ में 25 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देय होगा, जो पर्यटन इकाई प्रारम्भ करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर वसूल किया जायेगा। देय एवं जमा किये गये एसजीएसटी की 10 वर्षों तक 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जायेगी। मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना' के तहत 25 लाख रुपए तक के कर्ज पर 8 फीसदी की जगह 9 फीसदी ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को भूमि परिवर्तन एवं भवन योजना अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।वन विभाग के अधीन क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा राज्य ईको पर्यटन नीति, 2021 के प्रावधानों के अनुसार किया जायेगा। स्थानीय लोक कलाकारों एवं हस्तशिल्पियों एवं ग्रामीण स्टार्टअप को स्वीकृति एवं देय लाभ में प्राथमिकता दी जायेगी।
ग्रामीण अतिथि गृहः ग्रामीण क्षेत्रों में 6-10 कमरों वाले अतिथि गृह पंजीकृत होंगे। पर्यटकों के ठहरने के लिए ये कमरे किराए पर उपलब्ध होंगे। गेस्ट हाउस में पर्यटकों के लिए भोजन की भी व्यवस्था होगी। कृषि-पर्यटन इकाईः स्वीकृत पर्यटन इकाई न्यूनतम 2000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर कृषि भूमि पर स्थापित की जायेगी। इसके 90 प्रतिशत भाग में कृषि एवं उद्यानिकी कार्य, ऊँट फार्म, घोड़ा फार्म, पक्षी एवं पशुपालन, फसल बुवाई, हस्तशिल्प, उद्यान आदि गतिविधियाँ ग्रामीण परिवेश में पर्यटकों को उपलब्ध करायी जायेंगी। कैम्पिंग साइट: न्यूनतम 1,000 वर्ग मीटर और अधिकतम एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर कैंपिंग साइट स्थापित की जा सकती है। इसमें से 10 प्रतिशत पर टेंट में अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाएगी। शेष भाग में ऊंट फार्म, घोड़ा फार्म, पशुपालन, उद्यान आदि गतिविधियां होंगी।
कारवां पार्क: कारवां पार्क न्यूनतम 1,000 वर्ग मीटर और अधिकतम 1 हेक्टेयर कृषि भूमि पर स्थापित किया जा सकता है। इस पर अतिथियों के वाहन पार्किंग की मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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