राजस्थान सरकार ने 1190 मेगावाट क्षमता के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से किया एमओयू
राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान ने सोलर उर्जा के क्षेत्र में नई उड़ान भरते हुए आज एक कीर्तिमान स्थापित किया है। सौर ऊर्जा क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने महत्वपूर्ण एमओयू साइन किए है। निगम का पूगल, बीकानेर में 2000 मेगावाट का सोलर पार्क बनेगा। जिसके 1190 मेगावाट क्षमता के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से एमओयू हुआ है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी मौजूद रहे है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम राजस्थान को हमेशा सहयोग करते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि राजस्थान के पास अब सिर्फ 7 दिन का कोयला ही शेष है। जोशी ने कहा कि कोल इंडिया की पहली प्राथमिकता है कि राज्य को कोयले की कमी नहीं आने दी जाए। कोल इंडिया अब सौर ऊर्जा पर भी विशेष जोर दे रहा है ताकि पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सके।
जोशी ने कहा कि कोविड में हमने राज्यों को कहा था कि कोयला स्टॉक कीजिए, लेकिन अधिकांश राज्यों ने ऐसा नहीं किया है। राजस्थान में कोयले की दिक्कत की जानकारी है। मेरे रिकॉर्ड के हिसाब से राजस्थान में 7 दिन तक का कोयला है, लेकिन राज्य में कोयले की समस्या नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जोशी ने पारसा माइनिंग की दिक्कतों को लेकर सीएम गहलोत से हस्तक्षेप के लिए आग्रह किया। अन्य देशों के मुकाबले रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत की रफ्तार बेहद धीमी है। राजस्थान के साथ हमने तीन एमओयू किए लेकिन यह एमओयू केवल रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला मामले में केंद्र सरकार की ओर से मिले सहयोग पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि जब जब भी राजस्थान को लेकर संकट आया तब-तब कोयला मंत्रालय ने हमारा पूरा सहयोग किया है। सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा क्षेत्रफल के लिहाज से राज्य है। यहां पर सौर ऊर्जा की भी और ज्यादा संभावना है। सीएम गहलोत ने कहा कि अगर सौर ऊर्जा उपक्रम तैयार करने के प्रोजेक्ट राजस्थान में ही लगे तो और अच्छे से हम सौर ऊर्जा को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे।