Rajasthan: सरकार ने फर्जी आधार कार्ड मामलों की CBI जांच की सिफारिश की

Update: 2024-07-21 09:01 GMT
Rajasthan राजस्थान। राजस्थान में पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों में फर्जी आधार कार्ड बनाने के दो मामले प्रकाश में आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की अनुशंसा की है। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को राजस्थान विधानसभा में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि सांचौर जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्र संचालकों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक मामले में संलिप्त ई-मित्र व आधार संचालकों के खिलाफ 21 जून 2024 को पुलिस थाना सरवाना, जिला सांचौर में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई है। मंत्री ने बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए अधिसूचना व आवश्यक सूचनाएं अनुशंसा पत्र के साथ केंद्र सरकार को भेज दी गई हैं। मामले में नामजद आरोपी तोगाराम, गणपत सिंह व कन्हैया लाल फरार हैं, जिनकी तलाश कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दूसरा मामला सांचौर के चितलवाना थाने में दर्ज हुआ तथा आरोपी मनोहर लाल को 21 जून 2024 को गिरफ्तार किया गया। मामले में अन्य तीन आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है तथा मामले की जांच जारी है। कांग्रेस विधायक रतन देवासी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से यह मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि पशुओं की आंखों के निशान लेकर तथा हाथों की बजाय पैरों के निशान लेकर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। विधायक ने कहा कि यह क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी खतरा है। मंत्री ने माना कि पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केन्द्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है तथा इसे देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा तकनीकी जांच के बाद 14 आधार संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इन आधार संचालकों की आधार मशीनों को रजिस्ट्रार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा डी-रजिस्टर कर बंद कर दिया गया है तथा प्राधिकरण के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
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