Jalore जिले के हितां को लेकर मुख्यमंत्री व जल ससांधन को पत्र लिखकर जन भावना से करवाया अवगत

Update: 2024-07-21 07:17 GMT
Jalore जालोर । राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जवाई पुनर्भरण योजना एवं जालोर जिले के हितां को लेकर मुख्यमंत्री व जल ससांधन को पत्र लिखकर जन भावना से अवगत करवाया है।
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा व जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को पत्र के माध्यम से परिवर्तित बजट 2024-25 में बिन्दु संख्या-113-1-3 में किये गये प्रावधान एवं माही बाँध के पानी को जालोर तक पहुंचाने की दिशा में किये जा रहे भागीरथी प्रयासों का अभिनंदन करते हुए परिवर्तित बजट 2024-25 के बिन्दु संख्या-113-1-4 में 194 कि.मी. लम्बी जवाई बाँध से जोधपुर शहर तक क्षतिग्रस्त फीडर नहर के जीर्णोद्धार कार्य का प्रावधान रखने से जालोर जिले के आमजन में भारी आशंका एवं रोष के बारे में अवगत करवाया हैं।
मुख्य सचेतक ने वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए बताया कि जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का मानव निर्मित सबसे बड़ा बाँध है। इस बाँध के निर्माण से पूर्व जवाई नदी में पानी का बहाव वर्ष भर निर्बाध रूप से चलता था जिससे जालोर जिले का भू-जल स्तर बहुत अच्छा रहता था। लेकिन बाँध बनने के उपरान्त जवाई नदी लगभग वर्षभर सूखी रहने लगी, जिसके परिणामस्वरूप सुमेरपुर, आहोर, जालोर, बागोड़ा, भीनमाल एवं चितलवाना इत्यादि तहसील क्षेत्रों तक गिरते भू-जल से कृषि पर इसका दुष्प्रभाव पड़ने लगा। विगत वर्षों में केन्द्रीय भू-जल प्राधिकरण की ओर से सम्पूर्ण जालोर जिले को डार्क जोन घोषित किया जा चुका है। पिछले 70 वर्षों में सिर्फ आठ बार ही जवाई बाँध के गेट खोले गये, जिससे जालोर में आठों बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी।
उन्होंने बताया कि भारत के माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान चुनावी सभा के दौरान जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी। इसी प्रकार लोकसभा आम चुनाव-2024 में जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र की चुनावी सभा में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी बाँध का पुनर्भरण कर जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की घोषणा की गई थी। जवाई बाँध से नहर के मार्फत जवाई के पानी को जोधपुर तक ले जाने की प्रस्तावित योजना जालोर क्षेत्रवासियों के हितों पर कुठाराघात होगा।
उन्होंने क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले दूरगामी दुष्परिणामों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि जालोर के जनमानस में यह आशंका हैं कि जवाई बाँध से जोधपुर तक नहर को पुनर्जीवित करने से जालोर जिला जवाई बाँध के पानी से पूर्ण रूप से वंचित हो जायेगा एवं इस क्षेत्र की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से प्रभावित होगी।
उन्होंने बताया कि अब जब जवाई पुनर्भरण की योजना प्रस्तावित है तब जवाई बाँध के पानी को नहर द्वारा जोधपुर तक ले जाने की योजना घोषित करना जालोर एवं सम्पूर्ण निकटवर्ती क्षेत्र के वर्तमान एवं भविष्य के साथ घोर अन्याय होगा। उन्होंने मांग की हैं कि जवाई पुनर्भरण योजना को जो अन्तिम रूप दिया जावें उसमें जवाई नदी को पुनर्जीवित कर इस क्षेत्र के भूजल स्तर को बढाने हेतु विशेष प्रावधान किया जावें। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की जल नीति-2010 को संशोधित करते हुए जिस तरह से प्रत्येक बाँध परियोजना में पेयजल एवं सिंचाई के लिए बाँध के जल का हिस्सा पूर्व निर्धारित रहता है उसी तरह प्रत्येक ऐसी परियोजना में जल का एक निर्धारित हिस्सा उस नदी जिस पर वह बाँध बना हो, उसके डाउन स्ट्रीम में नियमित रूप से छोड़े जाने का प्रावधान किए जाने की बात कही।
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने जालोर जिले एवं निकटवर्ती क्षेत्र की जनभावना को एवं क्षेत्र की पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए जवाई बाँध के जल का न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सा जवाई नदी में समय-समय पर छोड़ने का प्रावधान करते हुए जवाई नदी को पुनर्जीवित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाये जाने को लेकर पत्र लिख कर जन भावना से अवगत करवाया।
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