अन्य प्रदेशों से बिजली खरीद की तैयारी, दीपावली पर बत्ती नहीं हो गुल

Update: 2022-09-19 12:18 GMT
जयपुर। दीपावली (Diwali) नजदीक आने और तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए अक्टूबर में प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है। राज्य सरकार ने अन्य प्रदेशों से बिजली की खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। बिजली खपत के अनुमान के हिसाब से करीब 2180 मेगावाट बिजली पंजाब, गुजरात और उत्तरप्रदेश से खरीदी जा सकती है।
कोयले की कमी, कोई और विकल्प नहीं
प्रदेश को छत्तीसगढ़ की खान से प्राप्त होने वाले कोयले की आपूर्ति वहां के स्थानीय आंदोलन के कारण बंद है। राजस्थान उत्पादन निगम (Rajasthan Production Corporation) को मिलने वाले कोयले में 9 रैक्स प्रतिदिन की कमी आई है। यह कमी विद्युत उत्पादन को प्राप्त होने वाले कुल कोयले की लगभग 40 प्रतिशत है।
गुजरात व यूपी से की जाएगी खरीद
प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए. सावंत ने बताया कि कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड से अनुबंधित 380 मेगावाट बिजली आपूर्ति पुनः आरम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा तय दर पर बिजली लेने का निर्णय किया गया। वहीं यूपी की बिजली कं पनियों से प्राप्त पॉवर बैंकिं ग प्रस्ताव के अनुसार नवम्बर से मार्च, 2023 तक रोजाना 1500 मेगावाट तक बिजली लेने के लिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन से वार्ता कर अंतिम रूप दिया गया।
रबी सीजन में मिलेगी राहत
गौरतलब है कि यह बिजली गत वर्ष उत्तर प्रदेश और पंजाब से बैंकिं ग व्यवस्था में प्राप्त बिजली से भी अधिक है। इससे रबी सीजन के समय राजस्थान डिस्कॉम्स को राहत मिलेगी। एक और महत्वपूर्णनिर्णय लिया गया है, जिसके तहत हाल ही में अल्पकालीन आपूर्ति के लिए निविदा के माध्यम से बिजली लेने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन इसमें प्राप्त अधिक दर को देखते हुए पारम्परिक निविदा की पद्धति के आधार पर बिजली क्रय करने के बजाय, एक्सचेंज में तय नई व्यवस्था टर्म अहेड का उपयोग करके, उसी माध्यम से 300 मेगावाट तक बिजली प्राप्त करने की योजना को अंतिम रूप दिया गया।
कोयला लाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति बाधित होने के एवज में भारत सरकार द्वारा बाधित आपूर्ति के 50 प्रतिशत मात्रा के कोयले का आवंटन 'ब्रिज लिकेंज' व्यवस्था में किया गया है, लेकिन यह कोयला 'महानदी कोल्ड फील्ड लिमिटेड' (उड़ीसा राज्य) से उठाना पड़ रहा है और इस लंबी दूरी के रूट में रेल रैक्स की उपलब्धता सीमित होने से कोयला उठाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोयले को भारत के पूर्वी तट (पैरादीप पोर्ट) से पश्चिमी तट पर लाने का और वहां से रेल व्यवस्था से राजस्थान में लाने का निर्णय किया गया। इसके क्रियान्वयन के लिए कोल हैंडलिंग के लिए विद्युत उत्पादन निगम द्वारा अल्प कालीन निविदा भी जारी की गई। रेल रूट के साथ रेल-शिपरेल मोड से भी कोयला आने से कोयले की आपूर्ति में सुनिश्चित रूप से सुधार होगा।

न्यूज़क्रेडिट: sachbedhadak

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