कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान में बढ़ी सियासी सरगर्मी, इन नामों को लेकर लेकर चर्चा तेज

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

Update: 2022-09-14 02:25 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कांग्रेस में जहां अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। वहीं सीएम अशोक गहलोत के नाम की चर्चा तेज होने से राजस्थान में अब सियासी सरगर्मी बढ़ती नजर आ रहीं है। सीएम अशोक गहलोत को लेकर राजस्थान समेत देश के सियासी गलियारों में चर्चा है कि गांधी परिवार उनके हाथों में पार्टी की कमान देना चाहता है। हालांकि अशोक गहलोत पिछले एक महीने में अलग अलग मौकों पर अलग अलग बयान दे चुके है। जिससे किसी के लिए ये अनुमान लगाना मुश्किल है कि उनके मन में क्या है। सीएम गहलोत कभी कहते है कि मैं आपसे दूर नहीं, तो कभी कहते है सोनिया गांधी जो कहेगी वो जिम्मेदारी संभालने को तैयार है।

राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत के अगले कदम के इर्द गिर्द सियासती गुणा भाग चल रहा है, कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है। तो राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे मिलेगी। कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसी बीच कांग्रेस विधायकों और नेता भी अपनी अपनी रणनीति बना रहे है। हल ही में बाड़मेर में हुई कांग्रेस विधायकों की बैठक ने पश्चिमी राजस्थान की राजनीति की हलचल बढ़ा दी है। पंजाब प्रभारी और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले हरीश चौधरी ने बाड़मेर में कांग्रेस विधायकों के साथ करीब दो घंटे तक गोपनीय बैठक चली है। बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी के घर हुई इस बैठक में बायतू विधायक और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी शामिल हुए है। इसके अलावा बाड़मेर शहर विधायक और राजस्थान गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन के अलावा चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल के साथ साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान बैठक में शामिल हुए है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव चल रहा है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के साथ साथ आलाकमान को क्या फीडबैक देना है। इसको लेकर बाड़मेर जिले के विधायकों ने बैठक कर एकराय बनाने की कोशिश की है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक बैठक में ये भी चर्चा हुई कि अगर अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है और राज्य में मुख्यमंत्री बदला जाता है तो बाड़मेर के सभी विधायकों की एक राय किसकी तरफ होनी चाहिए इस पर भी चर्चा हुई है।
वहीं, दूसरी तरफ सीएम गहलोत के कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज होने पर अब पायलट गुट भी सीएम पद के लिए सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग उठाने लगा है। पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने सार्वजनिक तौर पर इसकी मांग करते हुए खुद को पार्टी के साथ ना होकर पायलट के साथ होने की बात कह चुके है। ऐसे में आगामी दिनों में राजस्थान की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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