साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए पुलिस मुख्यालय ने जारी की एडवाइजरी

अधिकारी बनकर फोन कर कहते हैं कि आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है

Update: 2024-03-12 09:20 GMT

जयपुर: राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगों की ओर से अपनाए जा रहे नए-नए साइबर धोखाधड़ी के हथकंडों से बचने के लिए आमजन को फर्जी डिजिटल नोटिस, फर्जी ई-मेल और खुद को सरकारी विभागों या एजेंसियों का प्रतिनिधि बताकर रुपए जमा कराने की धमकी जैसे मामलों में सर्तकता बरतने का कहा है। डीजी साइबर क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि साइबर ठग आमजन को आईबी, सीबीआई, इंटरपोल और इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर का अधिकारी बनकर फोन कर कहते हैं कि आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

गिरफ्तारी का भय दिखाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रलोभन देकर रुपए ऐंठने का प्रयास करते हैं। जब पीड़ित आनाकानी करते हैं तो इन जांच एवं सुरक्षा एजेंसियों के नाम से फर्जी डिजिटल दस्तावेज तैयार कर उनके नाम से नोटिस, गिरफ्तारी वारंट भेजे जाते हैं। जिसमें 24 घंटे के अंदर जवाब देने की बात कही जाती है। 24 घंटे में जवाब न देने पर पीड़ितों के खिलाफ पुलिस थाने में कार्रवाई एवं नेशनल रजिस्टर ऑफ माइनर सेक्स ऑफेंडर व मीडिया के पास प्रकरण भेजने की धमकी देते हैं। इसके साथ ही साइबर ठग डिजिटल जाली दस्तावेजों में जांच एजेंसियों के लोगो व जाली हस्ताक्षर कर पोक्सो एक्ट, चाइल्ड पोनोग्राफी एवं आईटी एक्ट से संबंधित अपराधों का भय दिखाकर आमजन को साथ साइबर धोखाधड़ी का प्रयास करते हैं।

मेहरड़ा ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा जारी फर्जी डिजिटल नोटिस के भय से पैसा जमा नहीं कराएं। ऐसे बहुत से फर्जी ईमेल, नोटिस जिसमें आईबी, सीबीआई, इंटरपोल, इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर एवं साइबर अधिकारी होने का दावा कर रुपए जमा करवाने की धमकी देते हैं। ऐसे मामलों में सावधान रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दी।  

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