मन की बात में PM मोदी ने की तारीफ, युवाओं के लिए नज़ीर बना कोटा का अमनप्रीत

Update: 2023-08-28 12:10 GMT
राजस्थान: एक ओर कोटा में जहां इंजीनियरिंग के छात्रों की सुसाइड की खबरें लगातार सुर्खियों में है, तो दूसरी ओर कोटा के अमनप्रीत अपने स्टार्टअप के जरिए युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभर रहे हैं. कोटा में डेयरी फार्म चलाने वाले अमनप्रीत घर में लगाए दो गोबर गैस प्लांट से बिजली पैदा करके घरेलू उपयोग में होने बिजली का खर्च 80 फीसदी पैसा बचाते हैं.
कोटा में चर्चित अमनप्रीत आज लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत नहीं है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी भी उनके मुरीद है. जी हां, रविवार को मन की बात के 104वें संस्करण में पीएम नरेंद्र मोदी ने अमनप्रीत की तारीफ की और देश के युवाओं को नए-नए स्टार्टअप में नवीन तकनीक और ऊर्जा की खपत कम करने के लिए प्रेरित किया.
PM नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में उल्लेख किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी अमनप्रीत को बधाई दी. बिरला ने कहा कि कोटा के प्रगतिशील किसान अमनप्रीत सिंह हांडा का उल्लेख मन की बात में होना सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए गौरव व गर्व की बात है. अमन की सफलता ने दिखाया है कि नवाचारों से हम पारंपरिक व्यवसाय को भी अधिक लाभप्रद व उत्पादक बना सकते हैं. आशा है अमनप्रीत हाड़ौती के किसानों के लिए आधुनिक खेती को अपनाने का एक सशक्त उदाहरण बनेंगे.
अमनप्रीत कहते है कि मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट के साथ उन्होंने बायोमास के लिए दो प्लांट लगाए हुए हैं, जिसमें शुद्ध रूप से गाय का गोबर और गोमूत्र को ही भेजा जाता है. अमनप्रीत के वर्तमान में करीब 260 गाय हैं, जिसके रोजाना 1500 से लेकर 2000 लीटर तक दूध का उत्पादन हो रहा है और दूध के कई प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे हैं.
अमनप्रीत के अनुसार उनके पास केंचुआ खाद का भी प्लांट लगा हुआ है, जिसके जरिए एक माह में 7 से 8 टन खाद तैयार होता है. इसके अलावा अमनप्रीत लिक्विड खाद के रूप में काम आने वाला केंचुए का पानी भी डेयरी से ऑनलाइन भी बेच रहें है. अमनप्रीत ऑनलाइन केंचुए का पानी 250 से 300 लीटर तक बेच लेते हैं.
अमनप्रीत ने बताया कि उन्होंने तीन चचेरे भाई क्रमशः गगनप्रीत, अमनप्रीत और उत्तमजोत ने मिलकर यह स्टार्टअप शुरू किया है. उनकी कंपनी का तीनों चचेरे भाईयों के पहले अक्षर को जोड़कर GAU(गौ) डेयरी की शुरुआत की गई. अमनप्रीत ने बताया कि अभी उनके पास 260 के आसपास गाय हैं. इसके साथ एक बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट है, जिनमें 40-40 किलोवाट के दो बायोमास प्लांट लगाए हैं. इसके अलावा 70 किलोवाट का एक सोलर प्लांट है.र्च
उन्होंने बताया कि उन्हें करीब 130 से 150 किलोवाट बिजली की ही जरूरत होती है, जो सोलर और बायोमास के जरिए पूरी हो रही है. जरूरत की 10 से 20 फीसदी बिजली कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन से लेना पड़ता है. इस तरह से अमनप्रीत हर माह करीब दो लाख रुपए और साल में करीब 24 लाख रुपए बिजली का खर्च बचा रहे हैं.
अमनप्रीत ने बताया कि उनके पास मारवाड़ी, साहीवाल, फ्रीसवाल और गिर गायें हैं. इनसे 1500 से 2000 लीटर के आसपास दूध का प्रोडक्शन हो रहा है. इसको प्रोसेसिंग कर पनीर, मावा, छाछ, घी, आइसक्रीम और लस्सी बनाई जाती है. इसके अलावा सफेद मक्खन, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, मिठाई और दही भी बनाई जाती है.
साथ ही अमनप्रीत 10 एकड़ में मधुमक्खी पालन और शरबती गेहूं भी उगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी खासियत बिलोना का घी है, जिसे विदेशों में एक्सपोर्ट किया जा रहा है. शरबती गेहूं का आटा, शहद, सरसों का तेल भी एक्सपोर्ट होता है. इसके अलावा केंचुआ और लिक्विड ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर भी बेच रहे हैं.
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