हजारों विद्यार्थियों व लोगों की सुरक्षा से किया जा रहा खिलवाड़

Update: 2022-12-13 14:49 GMT

कोटा न्यूज़: एक तरफ जिला प्रशासन देशभर से यहां आकर कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता में शामिल करना बताता है। वहीं दूसरी तरफ हॉस्टल संचालक व बहु मंजिला इमारतों में हजारों विद्यार्थियों व लोगों की सुरक्षा से खिलावाड़ किया जा रहा है। यह सब हो रहा है करीब 90 फीसदी हॉस्टल व इमारतों में आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से। शहर के विकास व विस्तार के साथ ही यहां हर क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण काफी तेजी से किया जा रहा है। महानगरों की तर्ज पर यहां भी शहर के हर क्षेत्र में 5 से लेकर 8 मंजिल तक इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। इन इमारतों में अधिकतर व्यवसायिक हैं। जबकि कई आवासीय इमारतें भी हैं। व्यवसायिक इमारतों में भी अधिकतर हॉस्टल बने हुए हैं। कोटा में जिस तरह से मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए करीब दो लाख विद्यार्थी देश भर से आकर रह रहे हैं। उनके लिए रहने की जगह इन हॉस्टलों में ही की गई है। बच्चों की जरूरत को देखते हुए इन हॉस्टलों का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि छोटे-छोटे भूखंडों पर इतनी अधिक मंजिल का निर्माण किया जा रहा है। उनमें क्षमता से अधिक कमरे बनाकर बच्चों को रखा जा रहा है। किराए के लालच में बच्चों को महंगे कमरे व एसी से लेकर मैस तक की सुविधा हॉस्टलों में ही दी जा रही है। लेकिन हालत यह है कि अधिकतर हॉस्टलों में आग से सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं हैं।

दक्षिण में एक हजार, उतर में पांच सौ नोटिस: नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण के फायर अनुभाग द्वारा शहर में बहुमंजिला इमारतों का कुछ समय पहले सर्वे किया गया था। उस सर्वे के दौरान इमारतों में आग से सुरक्षा के उपकरण व इंतजामों की जांच की गई। जांच के दौरान अधिकािरयों के सामने चौकाने वाले तथ्य सामने आए। अधिकतर इमारतों में आग से सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं मिले। जहां उपकरण लगे हुए हैं तो वे कार्यशील नहीं हैं। कहीं सिर्फ दिखावे के तौर पर छोटे फायर उपकरण लगाए हुए हैं। कई इमारतों में प्रवेश व निकास के लिए एक ही रास्ता है। जबकि आपात काल में बाहर निकलने के लिए दूसरा रास्ता तक नहीं है। ऐसी इामरतों में अधिकतर हॉस्टल हैं। जिनमें हजारों बच्चे किराए से रहकर कोचिंग कर रहे हैं। नगर निगम के फायर अनुभाग ने गत दिनों कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में करीब 500 व कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में करीब 1000 हजार हॉस्टल संचालकों को नोटिस दिए गए थे। उनमें से भी मात्र 10 फीसदी ऐसे हैं जिन्होंने इसे गम्भीरता से लिया। जबकि 90 फीसदी पर तो निगम के नोटिसों का भी असर नहीं हो रहा है।

अधिकतर में नहीं आग से सुरक्षा के इंतजाम: बिल्डििंग बॉयलॉज के अनुसार किसी भी बहुमंजिला इमारत के निर्माण के साथ ही उन्हें आग से सुरक्षा के लिए वहां पर्याप्त मात्रा में फायर उपकरण लगवाने होते हैं। साथ ही नगर निगम से उसकी फायर एनओसी लेनी होती है। निगम अधिकारियों द्वारा जांच पड़ताल के बाद ही एनओसी जारी की जाती है। जिसे हर साल नवीनीकरण भी किया जाता है। लेकिन हालत यह है कि कोटा में करीब 90 फीसदी इमारतों में आग से सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं है। इसका अंदाजा नगर निगम के फायर अनुभाग द्वारा किए गए सर्वे और बिना फायर उपकरण वाली इमारतों के संचालकों को दिए गए नोटिसों से ही लगाया जा सकता है।

नए कोटा से लेकर पुराने कोटा तक सैकड़ों हॉस्टल: जिस तेजी से शहर का विकास व विस्तार हो रहा है। उसी तेजी से यहां कोचिंग के लिए बच्चे भी आ रहे हैं। ऐसे में उन बच्चों के रहने के लिए बहुमंजिला हॉस्टल बनाने की होड़ सी मची हुई है। नए कोटा शहर के राजीव गांधीे नगर से लेकर जवाह नगर, इंद्र विहार से लेकर तलवंडी, विज्ञान नगर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर, दादाबाड़ी, महावीर नगर प्रथम , डकनिया स्टेशन रोड, आईएल परिसर और पुराने शहर के कुन्हाड़ी, लैंडमार्क सिटी, बूंदी रोड, बालिता रोड, बारां रोड पर नया नोहरा तक कोरल पार्क में हॉस्टलों की बाढ़ सी आ गई है। सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल बनकर तैयार हो गए हैं। हालांकि शुरुआत में अधिकतर हॉस्टलों के निर्माण को अवैध बताते हुए सीज भी किया गया था। लेकिन बाद में सरकार द्वारा सभी को नियमित कर दिया गया।

सीजिंग के बाद ही चेत रहे: नगर निगम द्वारा दिए जा रहे नोटिस को भी अधिकतर हॉस्टल संचालक हल्के में ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ गत दिनों मॉल व होटल संचालको ने भी लिया था। जिनके खिलाफ नगर निगम कोटा दक्षिण के फायर अनुभाग ने सख्ती दिखाई थी। एरोड्राम स्थित एक मॉल व दादाबाड़ी स्थित दो होटलों को सीज कर दिया था। उसके बाद ही ये चेते और फायर उपकरण लगवाकर एनओसी ली।

इनका कहना है: निगम के फायर अनुभाग ने गत दिनों हॉस्टल, होटल, मॉल, आवासीय इमारतों व हॉस्पिटल समेत सभी बहुमंजिला इमारतों का सर्वे किया था। जिनमें से अधिकतर में आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं मिले। ऐसे में कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में 500 व कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में एक हजार इमारतों में कमियां पाए जाने पर उन्हें नोटिस जारी किए गए थे। जिनमें से मात्र 10 फसिदी ने ही जवाब दिया और अपने यहां उपकरण लगवाए हैं। जबकि 90 फीसदी ने कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में अब नगर निगम उनके खिलाफ सख्ती अपनाते हुए शीघ्र ही सीजिंग की कार्रवाई करेगा।

-राकेश व्यास, सीएफओ, नगर निगम कोटा उत्तर 

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