बच्चों के जीवन से खिलवाड़ तो निगम का फायर अनुभाग शीघ्र करेगा हॉस्टल सीज

Update: 2022-12-20 14:34 GMT

कोटा न्यूज़: शिक्षा नगरी कोटा में संचालित हॉस्टलों में अब फायर सेफ्टी को गभ्मीरता से नहीं लेने वालों के खिलाफ सख्ती की जाएगी। हजारों बच्चों के जीवन से हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए नगर निगम का फायर अनुभाग ऐसे हॉस्टलों को शीघ्र ही सीज करेगा। शिक्षा नगरी के साथ ही कोटा स्मार्ट सिटी भी बन रहा है। ऐसे में शहर का विकास व विस्तार हो रहा है। शिक्षा की छोटी काशी के नाम से विख्यात कोटा में वर्तमान में करीब दो लाख से अधिक बच्चे देशभर से आकर यहां रह रहे हैं और मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रहे हैं। अधिकतर बच्चे हॉस्टलों में ही किराए से रह रहे हैं। हजारों रुपए महीना किराया लेने वाले हॉस्टलों में सुविधा के नाम पर कमरों को एसी तो बना दिया गया है। उनमें अटैच लैट-बाथ भी दिए गए हैं। आलमारी और मेज कुर्सी के साथ ही पलंग भी आराम दायक हैं। साथ ही हॉस्टल में ही मैस की सुविधा भी दी गई है। लेकिन सुरक्षा के नाम पर अधिकतर हॉस्टलों में फायर उपकरण तक लगे हुए नहीं हैं। जिससे कभी की आग जनित घटना होने पर उन हॉस्टलों में रहने वाले बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

कोटा में करीब 4 हजार हॉस्टल: कोटा के विभिन्न क्षेत्रों में छोटे-बड़े करीब 4 से 5 हजार हॉस्टल हैं। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि कोटा की आर्थिक स्थिति कोचिग व हॉस्टलों पर अधिक निर्भर है। ऐसे में यहां आने वाले बच्चों की सुरक्षा शहर वासियों की पहली प्राथमिकता है। हॉस्टलों में आग से सुरक्षा के इंतजाम हैं तो लेकिन पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए सभी हॉस्टल संचालकों व एसोसिएशनों से समझाइश कर उन्हें फायर उपकरण लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे।

लगातार हो रही घटनाएं: शहर में राजीव गांधी नगर, जवाहर नगर, तलवंडी, दादाबाड़ी, महावीर नगर, इंद्र विहार व कुन्हाड़ी स्थित लैंड मार्क सिटी, बारां रोड नया नोहरा स्थित कोरल पार्क और बूंदी रोड समेत कई जगह पर बहुमंजिला हॉस्टल बने हुए हैं। जिनमें से आए दिन किसी न किसी जगह पर हॉस्टल में आग जनित घटनाएं हो रही हैं। गत दिनों लैंड मार्क सिटी स्थित गर्ल्स हॉस्टल में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। आग लगने के बाद वहां रहने वाली छात्राओं में हडकम्प मच गया था। निगम की दमकलों ने समय पर पहुंचकर आग पर तो काबू पा लिया। लेकिन जांच करने पर वहां आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं पाए गए। इस पर निगम के फायर अनुभाग ने उसी सीज कर दिया। इसी तरह की घटनाएं जवाहर नगर, तलवंडी व कोरल पार्क के हॉस्टलों में भी हो चुकी हैं।

कोटा उत्तर व दक्षिण निगम में करीब 1500 सौ बहुमंजिला इमारतों को नोटिस दिए हुए हैं। जिनमें आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। बार-बार नोटिस देने के बाद भी उसे गम्भीेरता से नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में जिला कलक्टर के निर्देश पर हॉस्टलों के खिलाफ सख्ती की जाएग़ी। हॉस्टलों को सीज करने की कार्रवाई की जाएग़ी। उससे पहले हॉस्टल एसोसिएशन वालों से मिलकर समझाइश का प्रयास करेंगे। यदि फिर भी फायर सेफ्टी पर गम्भीरता नहीं रखने वाले हॉस्टलं को सीज किया जाएगा।

- राकेश व्यास, सीएफओ नगर निगम कोटा दक्षिण

हॉस्टलों में बच्चे रहते हैं। जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की प्राथमिकता है। हॉस्टलों में आग से सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। निगम के फायर अनुभाग को निर्देश दिए गए हैं कि लापरवाही बरतने व फायर से सुरक्षा की कमियों वाले हॉस्टलों के खिलाफ सख्ती की जाए।

- ओ.पी. बुनकर, जिला कलक्टर

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