बीमा कम्पनियों एवीवीएनएल एवं बीएसएनएल, सीकर के प्रतिनिधिगण के साथ बैठक का किया आयोजन

Update: 2024-05-30 13:56 GMT
सीकर । राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार 13 जुलाई 2024 को आयोजित होने वाली द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में गुरूवार को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर शालिनी गोयल के द्वारा सीकर न्यायक्षेत्र स्थित राष्ट्रीकृत एवं निजी बैंकों के जिला समन्वय अधिकारीयों, बीमा कम्पनियों, एवीवीएनएल एवं बीएसएनएल, सीकर के प्रतिनिधिगण के साथ बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सत्य प्रकाश सोनी, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत (ए.डी.जे. क्रम-2) सीकर द्वारा की गई। बैठक में सचिव द्वारा बताया कि 13 जुलाई 2024 को ऑफलाईन के साथ-साथ ऑनलाईन माध्यम से आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में धारा 138 एन.आई.एक्ट, सिविल प्रकरण, एम.ए.सी.टी. प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण एवं फौजदारी राजीनामें योग्य अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण किया जाएगा। जिसके सीकर न्यायक्षेत्र स्थित न्यायालयों में लंबित, बैंक एवं वित्तीय संस्थान के धन वसूली के लम्बित सिविल मामलों (सिविल वाद इजराय, आर्बिट्रेशन अवार्ड की इजराय) एवं धारा 138 एन.आई. एक्ट के फौजदारी मामलों (केवल रूपये 10.00 लाख तक की राशि के मामले) के साथ-साथ इसी प्रकृति के प्री-लिटिगेशन श्रेणी के मामलों के लिए विशेष प्री-काउंसलिंग कैम्प 12 जून से 14 जून 2024 के मध्य एवं 27 जून व 28 जून 2024 को आयोजित किये जायेंगे तथा जिला मुख्यालय एवं तालुका विधिक सेवा समितियों पर प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय पर 19 जून 2024 को एवं ऐसे पंचायत मुख्यालय, जो कि तहसील अथवा उप-तहसील मुख्यालय भी है, पर 20 जून 2024 को डोर-स्टेप कांउसलिंग कैम्प आयोजित किये जायेंगे। साथ ही बैठक में उपस्थित बैक,बीमा कम्पनियों प्रतिनिधिकगण को अपने अधिकाधिक प्रकरणों को लोक अदालत में रखवाये जाने एवं पक्षकारान् के प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से करवाने के संबंध में चर्चा की गयी। 13 जूलाई 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक, बीमा कम्पनियों को अपने प्री-लिटिगेशन प्रार्थना-पत्र दिनांक 6 जुलाई 2024 से पूर्व ऑनलाईन व ऑफलाईन माध्यम से रैफर करने के संबंध में आवश्यक दिशा—निर्देश दिये गये। सचिव द्वारा आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन, आयोजन एवं लोक अदालत के समय आने वाली परेशानी एवं उनके निवारण के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया।
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