अजमेर: अजमेर वित्तवर्ष 2022-23 में जल जीवन मिशन की रफ्तार धीमी रही। अप्रेल से अगस्त और दिसम्बर की पांच महीने की अवधि में तो एक दिन के औसत कनेक्शन 100 से भी कम रहे। मई में न्यूनतम 1533 कनेक्शन ही जारी किए गए। केवल जनवरी में 4 हजार से ज्यादा का आंकड़ा रहा। एक वर्ष में औसत 3000 मासिक कनेक्शन भी जारी नहीं हुए। सामान्य और प्रोजेक्ट सर्किल की ओर से लक्ष्य से पचास फीसदी काम भी नहीं हुआ है। प्रोजेक्ट सर्किल ने 41 हजार के मुकाबले 31 प्रतिशत करीब 13 हजार और सामान्य सर्किल ने 54 हजार मुकाबले करीब 23 हजार कनेक्शन जारी किए।
मेटेरियल का संकट
जल जीवन मिशन को पूरा करने में मेटेरियल का संकट रहा है। जलदाय विभाग को पाइप नहीं मिल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि चुनिंदा कंपनियां पाइप बनाती हैं। पूरे देश में काम चल रहा है। ऐसे में सप्लाई मिलने में काफी दिक्कत है।
नहीं बढ़ पाया रिजर्व पानी
बीसलपुर बांध में पानी का रिजर्व नहीं बढ़ पाया है। इससे 1041.75 करोड़ का केकड़ी-सरवाड़, नसीराबाद, किशनगढ़-अरांई और भिनाय मसूदा के कुल 1034 करोड़ के प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ रहे। सबसे अधिक काम अजमेर-पीसांगन व ब्यावर-जवाजा ब्लॉक में कामकाज हुआ है, लेकिन पर इसकी गति धीमी है। हटूंडी, बांसेली, गोवलिया, कोटाज, धूलिया. भगवानपुरा, तिलोरा, सोमलपुर, गगवाना, जवाजा व अन्य क्षेत्र शामिल है। बीसलपुर बांध में अजमेर में पानी की सीमा बढ़ाना जरूरी है। इसके साथ ही पानी को गांवों तक पहुंचाना भी जरूरी है। आबादी के साथ पेयजल की मांग बढ़ी है। परिवहन प्रणाली भी बहुत जरूरी है। इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की आवश्यकता है।