ओबीसी वर्ग के युवाओं ने आरक्षण में हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए उठाई मांग
पढ़े पूरी खबर
जालोर, ओबीसी वर्ग के युवाओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सांचौर तहसीलदार रामस्वरूप जौहर को ज्ञापन देकर राज्य में ओबीसी आरक्षण का खेल बंद करने और जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने की मांग की. जिसमें बताया गया कि राजस्थान में लगभग 60 प्रतिशत ओबीसी बेरोजगारों को राज्य सरकार की नौकरियों में 21 प्रतिशत वर्टिकल आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि पूरी भर्ती में पूर्व सैनिकों को 12.5 प्रतिशत और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 2 प्रतिशत विशेष आरक्षण दिया जाता है.
2018 से पहले एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी और जनरल के भूतपूर्व सैनिकों को 12.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था। 2018 में, ओबीसी के खिलाफ चलते हुए, कार्मिक विभाग ने एक आदेश जारी किया और भूतपूर्व सैनिक आरक्षण नियमों में संशोधन किया। जिससे ओबीसी वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि राज्य में ओबीसी 58-60 फीसदी है और सेना और खेल में भी ओबीसी का रुझान ज्यादा है.
राज्य में चुने गए पूर्व सैनिकों में लगभग 80 प्रतिशत ओबीसी हैं और उत्कृष्ट खिलाड़ी भी ओबीसी से संबंधित हैं। इसका खामियाजा मूल ओबीसी पुरुष वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। जिससे ओबीसी बेरोजगारों की नौकरी पर संकट आ गया है। जिसके चलते ओबीसी वर्ग के युवा पूरे प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि यदि कार्मिक विभाग द्वारा ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर दिए गए आदेश को सरकार वापस नहीं लेती है तो राज्य भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान मुकेश साहू, एनएसयूआई के पूर्व जिला महासचिव रमेश डूंगरी, ओबीसी संघर्ष समिति प्रखंड प्रभारी सांचौर, सुरेश साहू, पूर्व प्रदेश सचिव एनएसयूआई, गणपत विश्नोई प्रखंड अध्यक्ष जीव रक्षा चीतलवाना, अनिल कद्दासरा हदेतर, नवीन चावड़ा छात्र नेता, ममता विश्नोई छात्र नेता एवं अशोक देवासी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।