अब बेवजह हॉर्न बजाने पर लगेगा 1 हजार रुपये जुर्माना, पढ़े नए नियम

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Update: 2021-09-29 14:07 GMT
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राजस्थान। आने वाले तीन महीने बाद राजधानी जयपुर (Jaipur) में बेवजह हॉर्न बजाना (Unnecessarily honking) आपको भारी पड़ सकता है. अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाया तो आपको एक हजार रुपये का जुर्माना (Fine) भरना पड़ेगा. इसकी वजह है राजधानी जयपुर की पुलिस की ओर से शहर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिये आज से शुरू किया गया नया और अनूठा अभियान 'कृपया शोर न करे' (No Horn Please). इसका मकसद है गाड़ियों के तेज आवाज में बजने वाले होर्न पर नियंत्रण करना. आम आदमी की सुनने की क्षमता 55 डेसिबल है, लेकिन लग्जरी गाड़ियों के होर्न की आवाज 100 डेसिबल या अधिक है.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि जयपुर पुलिस ने तेज हॉर्न की समस्या से निपटने के लिए आज से 'नो हॉर्न प्लीज' अभियान शुरू किया है. पुलिस के अधिकारी आज चौराहों पर खड़े हुये. बेवजह हॉर्न बजाने वालों को रोककर उन्हें सांकेतिक चालान के रूप में एक पिंक पर्ची थमाई गई. फिर काउिंलग सेंटर ले जाकर उनकी काउंसिंलग की गई. हालांकि इस दौरान कई कार चालक पुलिस अधिकारियों से उलझते हुये भी नजर आये. जयपुर में अभी बेवजह हॉर्न बजाने वालों को पहले पिंक पर्ची देकर काउंसलिंग की जा रही है. लेकिन इसके तीन महीने बाद अगर ऐसा पाया गया तो एक हजार रुपये का चालान काटा जाएगा.

दरअसल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के जनवरी से जून तक के एक सर्वे में सामने आया कि जयपुर शहर में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां ध्वनि प्रदूषण मानक से कम हो. उसकी 70 फीसदी वजह सिर्फ वाहनों के हॉर्न हैं. इंसान के सुनने की अधिकतम क्षमता 55 डेसिबल है. लेकिन अधिकतर जगह पर वाहनों का शोर 71.5 डेसीबल से अधिक मिला है. यहां तक कि लग्जरी गाड़ियों में 100 डेसिबल तक या अधिक आवाज के हॉर्न हैं. ये ही प्रदूषण की बड़ी वजह बन रहे हैं. पुलिस ने शहर में 'नो हॉर्न जोन' भी तय कर दिए हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार तेज आवाज से न केवल बहरे होने की आंशका रहती है बल्कि कॉलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ सकता है.

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