पॉलीहाउस के लिए अब बांसवाड़ा है किसानों की पसंद, क्योंकि अनुदान अब 95%

बांसवाड़ा है किसानों की पसंद

Update: 2023-08-03 10:00 GMT
बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिले के किसानों का रुझान बीते एक वर्ष में तेजी से पॉली हाउस की ओर हुआ है। बढ़ते रुझान के कारण ही बीते एक वर्ष में 22 किसानों ने पॉली हाउस और दो किसानों ने शेडनेट हाउस लगवाने की ओर रुख किया। किसानों को इसमें 95 फीसदी अनुदान मिल रहा है। तापमान, आर्द्रता और सूर्य प्रकाश को नियंत्रित कर खेती करने के इस तरीके पॉली हाउस के प्रति बीते वर्ष तकरीबन दो गुना देखने को मिला है। पहले जहां महज 20-25 किसान पॉली हाउस में खेती करते थे। वहीं, अब 22 और किसान इस पद्धति को अपनाने का मन बना चुके हैं। जिनमें से 8-10 कृषकों के यहां पॉली हाउस एवं शेडडनेट हाउस निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है।
बांसवाड़ा उद्यान उप निदेशक विकास कुमार चेचानी बताते हैं कि गत वित्तीय वर्ष में जनजाति कृषकों को इकाई लागत का 95 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार की ओर से दिया जाता था। जबकि सामान्य जाति के लघु एवं सीमान्त किसानों को 70 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान ही देय था। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में जनजाति क्षेत्र के समस्त किसानों के लिए अनुदान राशि इकाई लागत की 95 प्रतिशत कर दी गई है। जिससे जनजाति क्षेत्र में निवासरत सामान्य किसानों को भी 95 प्रतिशत अनुदान मिल सकेगा।
पॉलीहाउस में किसान सब्जी और फूलों की खेती करना पसंद करते हैं। एक ओर सब्जियों में जहां किसान करेला, गोभी, शिमला मिर्च, रंगीन शिमला मिर्च, फूलगोभी, मिर्च, धनिया, भिंडी, प्याज, मूली, पालक, टमाटर आदि करते हैं। वहीं, फूलों में कार्नेशन, गुलदाउदी, जरबेरा, ग्लेडियोलस, गेंदा, आर्किड, गुलाब आदि की उपज करते हैं। बांसवाड़ा में पॉलीहाउस में खेती करने वाले किसान अधिकांश खीरा और शिमला मिर्च की खेती करना पसंद करते हैं। ताकि उन्हें नुकसान कम हो और मुनाफा
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