होटल स्वरूप विलास में नौ दिवसीय अनंत कार्तिक पूजन एवं शिव महापुराण प्रारंभ हुआ
अलवर: पुरुषोत्तम मास के अवसर पर श्री वेंकटेश बालाजी दिव्यधाम ट्रस्ट की ओर से 9 दिवसीय अनंत पार्थिव पूजन एवं शिव महापुराण कथा का प्रारंभ मंगलवार को शिव यात्रा से हुआ। शिव यात्रा में 2100 महिलाओं ने पार्थिव शिवलिंग की सजी हुई मूर्ति सिर पर रखकर भाग लिया तथा 121 शिवभक्तों ने पार्थिव शिवलिंग का पूजा अभिषेक किया। शिव यात्रा रामकिशन कॉलोनी स्थित मधुसूदन सेवा आश्रम से शुरू हुई। बैंड बाजे के साथ शुरू हुई यात्रा करीब एक किलोमीटर लंबी रही।
इसमें महिलाएं दो कतार बनाकर चल रही थी। यात्रा में स्वामी सुदर्शनाचार्य भी शामिल हुए। शिवयात्रा में शिवपुराण की पोथी कमल झिरीवाल, राजन झिरीवाल व रोबिन झिरीवाल सिर पर रखकर चल रहे थे। जगदीश बेनीवाल, सुभाष अग्रवाल, सुनील यादव, दौलतराम हजरती आदि भी यात्रा में शामिल हुए। शिव यात्रा होटल स्वरूप विलास पहुंचकर सम्पन्न हुई।
होटल स्वरूप विलास में शुरू हुई शिव महापुराण में व्यासपीठ पर विराजमान स्वामी सुदर्शनाचार्य ने कहा कि मानव जीवन देव दुर्लभ है। इसे शिव का पार्थिव पूजन कर शिव स्वरूप में परिमित कर लेना चाहिए। पार्थिव पूजन का यही महत्व है। संघ से ही गुण एवं दोष जीवों में व्याप्त होता है। देवराज ब्राह्मण कुसंग के कारण पतित हो गया। शिवपुराण की कथा सुनकर पावन हो गया। बिंदु की नास्तिकता के कारण चंचुला पतित हो गई। उसने शिव महापुराण कथा सुनकर अपना और पति का उद्धार किया। प्रतिदिन पार्थिव पूजन एवं अभिषेक का समय सुबह 7 से 10 बजे रहेगा जबकि शिव महापुराण कथा का समय दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक रहेगा।