पीजी के लिए अगला 1 स्कोर 5 साल के लिए वैध

Update: 2023-07-01 05:20 GMT

जयपुर न्यूज़: एनएमसी ने नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) को लेकर रेग्युलेशंस जारी कर दिए हैं। इनके मुताबिक नेक्स्ट के अटैम्प्ट्स की सीमा तय नहीं है लेकिन एमबीबीएस कोर्स के दाखिले के दस साल की अवधि में नेक्स्ट 1 और 2 पास करना होगा। स्कोर में सुधार के लिए नेक्स्ट स्टेप 1 कितनी भी बार दिया जा सकता है बशर्ते नेक्स्ट स्टेप 2 पास कर लिया गया हो। नेक्स्ट स्टेप 2 प्रैक्टिकल/क्लीनिकल और वायवा एग्जाम होगा जो सात क्लीनिकल विषयों को कवर करेगा। नेक्स्ट 2 में सात में से एक या इससे अधिक विषयों में फेल होने वालों को नेक्स्ट 2 सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होगी। वहीं तीन से अधिक विषयों में फेल होने वाले कैंडिडेट को सभी विषयों की सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होगी। एक साल में दो बार नेक्स्ट 1 व 2 आयोजित होगा। साथ ही नेक्स्ट 2 की सप्लीमेंट्री परीक्षा भी दो बार होगी।

फाइनल ईयर में प्रत्येक 6 विषय में लाने होंगे 50% अंक : मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डॉ. शंकुल द्विवेदी के अनुसार, फाइनल एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के लिए नेक्स्ट 1 में सभी छह विषयों में अलग-अलग 50% अंक लाना अनिवार्य होगा। नेक्स्ट 1 में एक या इससे अधिक विषय में फेल होने पर सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा अगले अटैम्प्ट में देनी होगी। इसके बाद छात्र इंटर्नशिप के लिए पात्र हो पाएंगे।

ब्रॉड स्पेशलिटी पीजी कोर्स में प्रवेश की मेरिट के लिए नेक्स्ट 1 का स्कोर पांच साल तक मान्य रहेगा। हालांकि अगर कैंडिडेट नेक्स्ट 1 के अगले चरण में शामिल होता है तो पिछला नेक्स्ट 1 का स्कोर रैंक निर्धारित करने के लिए अमान्य होगा। केवल अंतिम अटैम्प्ट का स्कोर ही वैलिड माना जाएगा।

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