जयपुर। प्रदेश में देवस्थान विभाग के अन्तर्गत आने वाले सभी मंदिरों में गुरुवार को गुरु-पुष्य संयोग के अवसर पर पीला ध्वज फहराया जाएगा। देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने बुधवार को श्रीराम मंदिर परिसर स्थित देवस्थान विभाग के कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि गुरु- पुष्य दुर्लभ संयोग है और इस अवसर पर 'ऊँ' लिखा पीले रंग का ध्वज प्रदेश के सभी देवस्थान मंदिरों में लगाया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रातः 7 बजे जयपुर शहर के बड़ी चौपड़ स्थित कल्कि मंदिर से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पीला रंग गुरु को समर्पित है और ओम शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना स्वरूप देवस्थान विभाग द्वारा यह नई शुरुआत की जा रही है। रावत ने कहा कि अपनी संस्कृति को सहेजने का यह हमारा एक प्रयास है। इस नई पहल से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि इस शुरुआत का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य 'सेवा परमो धर्म' के माध्यम से प्रदेश में खुशहाली का परचम लहराना है।
धार्मिक स्थलों का हो रहा विकास
देवस्थान मंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों के विकास और रखरखाव पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग के अन्तर्गत 593 मंदिर आते हैं और उनके रखरखाव के लिए 593 लाख रुपए दिए गए हैं, जिससे इन मंदिरों का रंग-रोगन व साज-सज्जा हो सके। पुजारियों को दिया जाने वाला मानदेय भी 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए किया गया है। उन्होंने बताया कि जयपुर के सुप्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर का उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर वृहद् विकास किया जाएगा। चित्तौड़गढ़ में जलझूलनी एकादशी पर लगने वाले सांवरिया सेठ के मेले में बस किराए में 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा भी की गई है। डूंगरपुर स्थित बेणेश्वर धाम के विकास का कार्य किया जा रहा है। प्रदेशवासियों की अगाध आस्था वाले विभिन्न मंदिरों के समग्र विकास के लिए 10 करोड़ राशि की लागत से डीपीआर जल्द बनाई जाएगी।
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रियों की संख्या होगी 40 हजार
रावत ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना के अंतर्गत 20 हजार वरिष्ठ नागरिकों के तीर्थ यात्रा के सपने को पूरा किया गया है। अब यह संख्या बढ़ाकर 40 हजार की जाएगी। इनमें से 36 हजार वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन से तीर्थ यात्रा कराई जाएगी और शेष नागरिकों को हवाई यात्रा द्वारा काठमांडू, नेपाल की तीर्थ यात्रा के सपने को साकार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीर्थ यात्रा के लिए अयोध्या, बैद्यनाथ और श्रवणबेलगोला जैसे तीर्थ जोड़े गए हैं और इस सूची में कई नए तीर्थ और जोड़े जाएंगे।
ऑनलाइन दर्शन की मिलेगी सुविधा
देवस्थान मंत्री ने बताया कि प्रदेश के प्रसिद्ध ऋषभदेव एवं गोगामेड़ी मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की शुरुआत की जा चुकी है। विभाग द्वारा शीघ्र ही अन्य 5 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन की सुविधा प्रारंभ की जाएगी। श्रीमती रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विश्वास है कि हर प्राणी में ईश्वर विराजमान है। हम इसे साकार कर सकें, ऐसा हमारा प्रयास है।