नेशनल टूरिज्म डे आज: सबसे महंगे दर्शन आमेर फोर्ट के यहीं आते हैं सबसे ज्यादा पर्यटक

Update: 2023-01-25 12:58 GMT

जयपुर: पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संरक्षित स्मारकों, संग्रहालयों, किले और महलों में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। वे यहां आकर यहां की खूबसूरती को कैमरे में कैद करने के साथ ही इतिहास से भी रूबरू होते हैं। विभाग के अधीन आने वाले मॉन्यूमेंट्स में सबसे महंगे दर्शन आमेर महल के हैं। यहां देसी पर्यटक के 100 और विदेशी पर्यटक का प्रवेश शुल्क 500 रुपए लगता है। ये जानकर भी हैरानी होगी कि महंगे दर्शन होने के बावजूद भी सबसे अधिक पर्यटक यहीं आते हैं। पुरातत्व विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2017-18 से 2021-22 तक इन पांच सालों में 61,42,458 देसी और 12,68,740 विदेशी को मिलाकर कुल 74,11,198 पर्यटकों ने आमेर महल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

5 साल में 2,14,43,012 ने देखे किले-महल: पुरातत्व विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2017-18 से 2021-22 इन पांच सालों में शहर के आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट, हवामहल स्मारक, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय और जंतर-मंतर स्मारक में कुल 2 करोड़ 14 लाख 43 हजार 012 देसी और विदेशी पर्यटक आए। इस दौरान आमेर महल में 74,11,198, जंतर-मंतर स्मारक में 44,69,830, हवामहल स्मारक में 36,18,099, नाहरगढ़ दुर्ग में 30,76,353 और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय में 28,67,532 पर्यटक संख्या रही।

कहा जा सकता है ताज से भी महंगा

पर्यटन विशेषज्ञ लक्ष्मण सिंह का कहना है कि घरेलू पर्यटक का आमेर महल में प्रवेश टिकट 100 रुपए है तो वहीं दूसरी ओर ताजमहल में डोमेस्टिक टूरिस्ट का टिकट 50 रुपए लगता है। ये बात अलग है कि ताज में कोई टूरिस्ट मुख्य टॉम्ब तक जाने की इच्छा रखता है तब ही उसे प्रवेश टिकट के 250 रुपए देने होते हैं, नहीं तो पर्यटक 50 रुपए देकर ताज के मुख्य टॉम्ब के बाहर घूम सकते हैं। पर्यटकों की संख्या के मामले में ताजमहल पहले पायदान पर है। साल 2021-22 में 32.9 लाख घरेलू पर्यटक ताज के दीदार करने पहुंचे थे।

पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले किले महलों में पर्यटकों की संख्या में धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। विभाग भी उनकी सुविधा के लिए लगातार प्रयासरत है।

-डॉ. महेन्द्र खड़गावत,

निदेशक, पुरातत्व विभाग

जयपुर आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद आमेर फोर्ट है। यहां आने वाले पर्यटक इस टूरिस्ट डेस्टिनेशन को देखे बिना नहीं जाते हैं। कोरोना के बाद अब घरेलू पर्यटकों से ही प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर चहल-पहल दिख रही है।

-नरेन्द्र सिंह,

अध्यक्ष, टूरिस्ट गाइड फैडरेशन आफ इंडिया

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