राजस्थान पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार, दलितों के साथ भेदभाव का आरोप
दलितों के साथ भेदभाव का आरोप
इंदौर ब्यूरो। राजस्थान के जालोर जिले के ग्राम सुराणा में 20 जुलाई 22 को (सरस्वती विधा मन्दिर प्राथमिक पाठशाला) निजी स्कूल के दलित छात्र 9 वर्षीय इंदर पिता देवाराम मेघवाल ने अपने दबंग प्राचार्य छैलसिंग राजपूत के मटके से पानी पी लिया था। इस बात से नाराज होकर शिक्षक छैलसिंग राजपुत ने मासूम बच्चे इंदर मेघवाल की बुरी तरह से पिटाई कर दी । जिससे बच्चे की कान की नस फट गई और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया ।
जातिवादी दबंग छेलसिंग ने अपनी जाति के लोगों से दबाव बना कर पीड़ित परिवार से 1,50,000 डेढ़ लाख में समझौता कर लिया । और ईलाज का आश्वाशन दिया। इसी बीच परिजनों ने 23 दिनों तक लगातर विभिन्न शहरों में बच्चे के ईलाज के लिए भटकते रहे। अंतोगत्वा 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। दलित बच्चे की हत्या ने राजस्थान की सियासत को हिला कर रख दिया । यहां के 1 कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल और 5 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया। और कहा कि हम अपने लोगों की सुरक्षा नही कर पा रहे हैं । तो पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं । यह दर्द इसलिए भी है कि 6माह पूर्व यहीं के पाली जिले के निवासी जितेन्द्र मेघवाल की हत्या मूंछ रखने के कारण हुई थी । तब सरकार ने जितेन्द्र के परिवार के लिए बड़ी बड़ी घोषणाएं की थी । परन्तु एक रुपए की भी मदद गेहलोत सरकार नहीं की।
वहीं मासूम इंद्र के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी 5 लाख रुपए की घोषणा कर इति श्री कर ली थी।
जबकि इसी प्रदेश में जब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कन्हैयालाल की हत्या की तो उसी परिवार को 2 शासकीय नौकरी और 50 लाख रुपए नगद मुआवजा दिया गया । इसी तारतम्य में कल इन्दौर से जालोर पहुंचे दलित नेता मनोज परमार को उनके सैकड़ो समर्थकों के साथ गांव से 15 किलोमीटर पहले रोक दिया । परमार और उनकी टीम को रोकने के लिए प्रशासन ने पुलिस बल तैनात किया था। पुलिस ने सुराणा गांव में घुसने नहीं दिया। पीड़ित परिवार से मिलने नही दिया । राजस्थान पुलीस की सख्ती से परमार और उनके आक्रोशित हो गए और वहीं पर धरने पर बैठ गए । और पुलिस प्रशासन हाय हाय और अशोक गहलोत मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। तब वरिष्ठ अधिकारी की समझाइश पर 250 में से 15लोगों को प्रतिनिधि मण्डल के रूप में जाने की अनुमति दी ।
पीड़ित परिवार से मिलने हेतू नेताओ का तांता लगा हुआ था। वहा पहुंचने पर इंडियन नेशनल कांग्रेस के सैक्रेटरी प्रदीप नार्वेल और राज्य अनूसूचित आयोग के अध्यक्ष भोमासिंग मेघवाल से परमार ने कहा कि आपकी सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। कन्हैयालाल की हत्या पर 50लाख और इंदर मेघवाल की हत्या पर 5 लाख मतलब सरकार खुद ही हमारे साथ भेदभाव कर रही हैं तो उम्मीद किस्से की जायेगी। प्रदीप नर्वेल ने तत्काल सचिन पायलट को फोन लगाया और परमार की बात कराई पीड़ित परिवार का पक्ष सुनकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने 33,25,000 और एक शासकीय नौकरी का आश्वसन दिया। इस अवसर मुख्य रूप अखिल भारतीय बलाई महासंघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।