चित्तौरगढ़। पिछले एक सप्ताह से चित्तौड़गढ़ में मानसून का असर कमजोर हो गया है. जिले में बारिश पूरी तरह बंद होने के साथ ही तापमान में भी गिरावट आयी है. चित्तौड़ में इस मानसून में बहुत कम बारिश हुई है. शहर में पूरे मानसून के दौरान रुक-रुक कर बारिश होती रही है। एक जून से अब तक 401.18 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत का महज 53.49 फीसदी है. प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के बाद कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है, लेकिन चित्तौड़गढ़ जिले में 53.49 फीसदी औसत बारिश ही दर्ज की गई है. इस बार एक बड़े बांध और तीन बांधों को छोड़कर सभी बांध सूखे रहे। केवल मातृकुंडिया, मोडिया महादेव, सादी व खोखी बांध ही खिले हैं। शहर में पूरे मानसून के दौरान लगभग रुक-रुक कर बारिश होती रही। आए दिन बादल छाए रहते हैं लेकिन बारिश नहीं होती। एक जून से अब तक मात्र 401.18 मिमी बारिश हुई है. अब पूरे प्रदेश में मानसून का असर लगभग खत्म हो गया है. ऐसे में अब बारिश की संभावना कम है. मंगलवार को पूरे दिन बादल छाये रहने से अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में 0.7 डिग्री सेल्सियस की आंशिक कमी आयी है।
बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री दर्ज किया गया. मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं, अगर बुधवार की बात करें तो सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं और ठंडी हवाएं भी चल रही हैं. मौसम विभाग के मुताबिक अब बारिश की कोई संभावना नहीं है. ऐसे में एक बार फिर गर्मी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। कृषि विभाग के अनुसार इस बार फसलों की सिंचाई में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. आने वाले दिनों में बुआई के समय पानी की जरूरत पड़ेगी. लेकिन पानी की कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जिले में लगातार कम बारिश के कारण छोटे बांध भी खाली रह गये हैं. मातृकुंडिया बांध भले ही लबालब हो गया हो, लेकिन उसका पानी चित्तौड़गढ़ जिले को भी नहीं मिलता। राजसमंद जिले में अच्छी बारिश के कारण यह बांध ओवरफ्लो हो गया है लेकिन इसका पानी भीलवाड़ा जिले तक पहुंच गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में किसानों और आम लोगों को पानी को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जल आपूर्ति को लेकर भी दिक्कत हो सकती है।