महिला गरिमा '1090' महिलाओं की शिकायतों का कर रही समाधान
महिला गरिमा '1090'
जयपुर. प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए जयपुर पुलिस (Mahila Garima Helpline 1090) की महिला गरिमा हेल्पलाइन निरंतर कार्यरत है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के कंट्रोल रूम में महिला गरिमा हेल्पलाइन की 5 लाइनें 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं. यहां पर महिलाओं की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है.
महिला गरिमा हेल्पलाइन में पूरे प्रदेश भर से महिलाओं की समस्याएं और शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका समाधान करने का प्रयास किया जाता है. एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि महिलाओं और बालिकाओं की समस्याओं का निपटारा करने के लिए महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 का संचालन वर्ष 2009 से किया जा रहा है. जिस पर पूरे प्रदेश भर से महिलाओं की शिकायतें प्राप्त होती हैं.
महिलाओं की शिकायतों का समाधान कर रही महिला गरिमा '1090'
व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर का भी संचालन : महिला गरिमा हेल्पलाइन के साथ व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 8764868200 का संचालन भी किया जा रहा है. व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई करते हुए उसका सामाधान किया जाता है. इसके साथ ही 100 नंबर और 112 नंबर पर भी महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं. महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 पर वर्ष 2009 से लेकर 2021 तक कुल 28090 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. वर्ष 2022 में जनवरी महीने से मई महीने तक कुल 1679 शिकायतें प्राप्त हुई. इसी तरह से महिला गरिमा व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर वर्ष 2015 से 2022 तक कुल 600 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना जाना जरूरी नहीं: एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया (Helpline For Women in Jaipur) कि महिलाओं को कोई भी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना या कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है. उन्हें बस महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 या फिर व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत बतानी होगी. शिकायत करने वाले की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा. सुनीता मीणा ने बताया कि जिस भी व्यक्ति की ओर से महिला या बालिका को परेशान किया जा रहा होगा, पुलिस उसके विरुद्ध कार्रवाई करेगी.
महिलाएं अनचाहे और अश्लील फोन कॉल्स, सिनेमाघरों में अशिष्ट व्यवहार, स्कूल-कॉलेज, महिला छात्रावास, कार्यस्थल, बस स्टैंड, सार्वजनिक स्थल, सिनेमाघर आदि स्थानों पर की जाने वाली छेड़छाड़ संबंधी शिकायत हेल्पलाइन पर दर्ज करा सकती हैं. इसके साथ ही विवाहित महिलाएं शारीरिक या मानसिक यातना, यौन शोषण का प्रयास आदि तमाम शिकायतों को महिला गरिमा हेल्पलाइन या व्हाट्सएप हेल्पलाइन के जरिए बता सकती हैं. शिकायत मिलते ही महिला अधिकारियों की ओर से संबंधित थाना अधिकारी से संपर्क कर आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है.
ऑफिसर नहीं करे मदद तो हेल्पलाइन पर करें शिकायत: महिलाओं की ओर से दर्ज शिकायत में यदि किसी थाना का इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर कार्रवाई करने में ढिलाई बरत रहा हो या सहयोग नहीं कर रहा हो. ऐसे में इसकी शिकायत महिला गरिमा हेल्पलाइन पर की जा सकती है. महिला गरिमा हेल्पलाइन के अधिकारियों की ओर से संबंधित इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर से संपर्क कर शिकायत का त्वरित समाधान करने को कहा जाता है.
साथ ही 48 घंटे में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की ओर से की गई कार्रवाई का फीडबैक भी लिया जाता है. शिकायत के निस्तारण होने तक लगातार उसका फॉलोअप लिया जाता है. इस दौरान परिवादी से भी संपर्क में रखा जाता है. इसके अलावा यदि किसी महिला की ओर से गलत शिकायत दर्ज करवाई जाती है या कानून का गलत उपयोग करने का प्रयास किया जाता है. इस स्थिति में उसके विरुद्ध भी पुलिस कानूनी एक्शन ले सकती है.
ऐसे होती है सुनवाई: महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090 हैंडलर पिंकू ने बताया कि प्रतिदिन हेल्पलाइन और व्हाट्सएप पर महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित विभिन्न तरह की शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिनका शीघ्र निस्तारण किया जाता है. महिलाओं से संबंधित जो शिकायतें प्राप्त होती हैं उसमें अधिकतर घरेलू हिंसा, पति का मारपीट करना, प्रताड़ित करना या फिर किसी अज्ञात व्यक्ति के फोन पर अश्लील मैसेज या कॉल करना शामिल होता है. कई मामलों में महिलाएं नहीं चाहती कि उनके पति के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाए, केवल उसकी काउंसलिंग कर समझाया जाए.
इसके साथ ही बालिकाओं से संबंधित शिकायतों में किसी अज्ञात व्यक्ति का उनका पीछा करना, उन्हें सोशल मीडिया के जरिए परेशान करना, उनकी फोटो को एडिट करके गलत तरीके से उपयोग करना शामिल हैं. शिकायत के आधार पर तुरंत एक्शन लिया जाता है और निर्भया स्क्वाड के साथ ही संबंधित थाने की पुलिस को मदद के लिए भेजा जाता है. शिकायत का समाधान होने तक शिकायत करने वाली महिला या बालिका से लगातार संपर्क में रहा जाता है. वहीं दूसरे जिलों की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित जिले और संबंधित थाने को अवगत कराया जाता है. साथ ही उक्त शिकायत पर पुलिस के एक्शन और निस्तारण का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाता है.