बाड़मेर: जिले के एक करोड़पति शख्स की कहानी आज की युवा पीढ़ी के लिए मिसाल है. ये कहानी उन युवाओं के लिए सीख है जो भले ही पढ़-लिख न सके हों, पर मेहनत करने से पीछे नहीं हटते. बाड़मेर के मेघराज खत्री का नाम आज शहर के करोड़पति हस्तियों में शुमार है. उनकी अजरख प्रिंटिंग का करोड़ों का टर्न ओवर है. इतना ही नहीं, सात समंदर पार भी इनके उत्पादों की डिमांड है.
दसवीं में फेल होने के बाद पिता के प्रिंट उद्योग में मेघराज ने खुद को झोंक दिया और आज बाड़मेर के करोड़पति लोगो में वह शुमार हो चुके हैं. आज उनके उत्पाद विदेशों में भी खूब पसंद किए जाते हैं. दरअसल, मेघराज खत्री 35 साल से अजरख प्रिंट का काम कर रहे हैं. इससे पहले उनके पिता उम्मेदाराम खत्री साल 1974 से यह काम रहे थे. पिता के साथ काम करते-करते मेघराज का भी इसी में मन लग गया.
मेघराज बताते हैं कि उनके यहां के उत्पाद फेब इंडिया, मंत्रा, जबॉन्ग प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर डॉट कॉम, दी शॉप, रिलायंस ब्रांड के साथ विदेशों में भेजे जाते हैं. खासकर सात समंदर पार इसकी डिमांड बढ़ी है. बताते हैं कि उनके यहां कॉटन साड़ी 750 रुपए से शुरू होकर 7 हजार रुपये, दुप्पटा 1500 रुपये, स्टॉल 700 रुपये, शर्ट कुर्ता 1000 रुपये और बेडशीट 3000 रुपये तक में उपलब्ध है.
लाखों की पसंद बन चुका यहां का काम
मेघराज खत्री के काम की वजह से आज सैकड़ों परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है. सालाना साढ़े 7 करोड़ का टर्न ओवर करने वाले मेघराज खत्री का कहना है कि बाड़मेर के विपरीत हालातों के बीच यहां के लोगों ने अपने हुनर के रंग को कायम रखा है, जिसकी मांग सात समंदर पार तक है. बताया कि बाड़मेर के ब्लॉक प्रिंटिंग, अजरख प्रिंट, एप्लिक वर्क, हैंड वर्क, कशीदा और टुकड़ी का काम लाखों लोगों की पसंद बन चुका है.