झालावाड़। झालावाड़ जिले में पिछले साल कहर ढाने वाले लम्पी रोग ने इस वर्ष भी दस्तक दी है। शहर में स्थित श्रीकृष्ण गोशाला में 18 गोवंश में लंपी रोग के लक्षण मिले हैं। वहीं जिले में अन्य गोशालाओं में गोवंश में यह रोग फैलने की आशंका है। वहीं असनावर क्षेत्र के हरिपुरा गांव में एक पशुपालक की दो गायों की मौत हो गई। पनवाड़ के पास समदखेडी़ में संचालित भारतीय गोरक्षा संवर्द्धन समिति गोशाला में भी दो दिन पहले दो गायों की मौत हो गई। इन दिनों पशु चिकित्सक हड़ताल पर हैं, ऐसे में गोवंश को उपचार में भी परेशानी हो रही हैं। हालांकि गोशाला समिति व अन्य संगठन अपने स्तर पर उपचार में जुटे हैं।
समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने बताया कि श्रीकृष्ण गोशाला में बीमार गोवंश को अलग से रखा है। हालांकि यहां सभी गोवंश का वैक्सीनेशन किया हुआ है, फिर भी समिति बीमारी को लेकर सतर्क है। शनिवार रात को यहां नगरपरिषद ने 50 गायें भेजी लेकिन उनको यहां नहीं लिया। बाहर से आने वाले गोवंश से गोशाला के गोवंश को लम्पी रोग का खतरा हो सकता है। यादव ने बताया कि पहले गोशला में 1-2 गोवंश में लंपी रोग के लक्षण दिखाए दिए थे। इसके बाद अन्य गोवंश भी इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। शनिवार तक गोशाला में 18 गोवंश में लंपी के लक्षण दिखे हैं। इस पर संक्रमित गोवंश को अलग रखा है। यादव ने बताया कि गोशाला में लगभग 1100 गोवंश इस वक्त रहते हैं, उन्होंने कहा कि यहां पूरी तरह से एहतियात बरते जाते हैं और संक्रमण का ध्यान रखते हुए समय-समय पर हाइपो का छिड़काव भी करवाया जाता है । इधर, जिले में लम्पी रोग फैलने की सूचना पर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। अपने स्तर पर प्रशासन ने टीम भेजी है और बीमार गोवंश के सेम्पल लिए हैं।