भगवान शांतिनाथ का किया गया अभिषेक, लोगों ने की पूजा अर्चना

Update: 2023-07-02 18:04 GMT
टोंक। टोंक निवाई में अष्टान्हिका महोत्सव में सहस्त्रकूट विज्ञान तीर्थ पर गणिनी आर्यिका विज्ञश्री माताजी के सानिध्य में यागमंडल विधान का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने नए तीर्थ पर जाकर पूजा-अर्चना की। जैन समाज के प्रवक्ता विमल जौंला व सुनील भाणजा ने बताया कि विधान से पहले श्रद्धालुओं ने शांतिधारा से भगवान शांतिनाथ का अभिषेक किया। पंडित विमल कुमार बनेठा के सान्निध्य में अष्टान्हिका महोत्सव में वेदी पर विराजमान भगवान की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान यागमंडल विधान के तहत पांच शुभ कलश स्थापित कर यागमंडल का गठन किया गया। जिसमें श्रीफल अर्ध्य राजेश जैन, अशोक जैन, विष्णु बोहरा, महावीर प्रसाद छाबड़ा, नरेश जैन, मनोज जैन, हितेश छाबड़ा, मनोज पाटनी, सुशील जैन, त्रिलोक जैन द्वारा आर्यिका माताजी को अर्पित किया गया।
कार्यक्रम के तहत पंडित विमल कुमार बनेठा ने मंत्रोच्चारण के साथ सांवलिया मंदिर की श्रीजी की स्थापना की। इस अवसर पर आयिका विज्ञाश्री माताजी ने सहस्त्रकूट में धर्म सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भक्ति ही भक्त को भगवान बनाती है। अष्टान्हिका पर्व में की गई पूजा का अमोघ फल मिलता है। उन्होंने कहा कि सिद्धों की पूजा से सिद्ध पद की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इस पर्व में की गई पूजा सातिशाय पुण्य का कारण होती है। भगवान के दर्शन की इच्छा मात्र से ही हजारों व्रतों का फल प्राप्त हो जाता है। इसलिए नंदीश्वर दीप का पूजन कर पुण्य कर्म करना चाहिए।
श्रद्धालुओं ने पूजा कर नृत्य भी प्रस्तुत किए। समाज के राजेश अरिहन्त ने बताया कि शाम को भगवान शांतिनाथ की महाआरती की गई। इसमें सोने चांदी सहित 108 दीपकों से भगवान की आरती की गई। इस दौरान शान्तिनाथ जैन गुरुकुल के बालकों ने भगवान की आरती प्रस्तुत की। शरद पूर्णिमा: कल्याणधणी की झलक पाने उमड़े श्रद्धालु आरती के बाद 48 दीपकों से भक्तामर स्त्रोत के पाठ का आयोजन किया गया। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम में संगीतकार दुर्गा लाल भारती एवं श्रद्धालुओं ने भजनों की प्रस्तुतियां दी एवं नाटक का मंचन किया।
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