यूआईटी में भूमि परिवर्तन तो दूर, इसकी फाइल तक अधिकारी छू तक नहीं रहे हैं
उदयपुर न्यूज: यूडीएच के उच्चाधिकारियों के नाम पर 12 लाख की रिश्वत लेते दलाल लाकेश जैन की गिरफ्तारी के बाद उदयपुर यूआईटी संकट में है। इस दलाल को भी एसीबी ने आठ मई को यूआईटी के बाहर से गिरफ्तार किया था। मामले की एफआईआर में यूआईटी के डबल एओ लक्ष्मण गुर्जर का भी नाम आने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। यूआईटी के दो अधिकारियों का कहना है कि इस कार्यालय में भ्रष्टाचार के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन दिनों से भूमि परिवर्तन तो दूर कोई भी अधिकारी इस काम की फाइल तक अपने टेबल पर नहीं रख रहा है.
यूआईटी में दिनभर इधर-उधर घूमने वाले अन्य बड़े दलाल भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। इनमें तीन प्रमुख हैं। शहर के 8 बड़े भू-माफिया और उनके लोगों ने यूआईटी में भी आवाजाही फिलहाल के लिए बंद कर दी है। यूआईटी के अधिकारियों ने अपने सभी कर्मचारियों को मौखिक निर्देश भी दिया है कि वे एक-एक फाइल का हिसाब रखें, कोई भी फाइल किसी दलाल के घर में न हो।
एसीबी की प्राथमिकी में उल्लेख है कि दलाल लोकेश ने 10 अप्रैल को शिकायतकर्ता देवीलाल को फोन किया था। दोनों ने यूआईटी में डबल एओ लक्ष्मण गुर्जर के कार्यालय में बात की थी। इस दौरान दलाल ने 25 लाख रुपये में काम करवाने की बात कही। 10 लाख। एडवांस मांगे इस मामले में लक्ष्मण का कहना है कि उनका ऑफिस बहुत बड़ा है। उन्हें कैसे पता चलेगा कि इतने बड़े ऑफिस में किसने क्या बात की? मुझे जबरन बदनाम किया जा रहा है।
हालांकि सच्चाई एसीबी की जांच के बाद ही पता चलेगी। आपको बता दें कि भूमि परिवर्तन और सरकारी जमीन के आवंटन की एनओसी के एवज में दलाल लोकेश ने देवीलाल से 12 लाख रुपये लिए थे. प्राथमिकी में यूडीएच के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल और एक कर्मचारी हरिमोहन का भी नाम है. लाखेश फिलहाल कोर्ट के आदेश पर जेल में है।