Jaipur: BJP नेता ज्ञानदेव आहूजा ने संत रामभद्राचार्य को दी नसीहत

आहूजा ने संत रामभद्राचार्य से इस प्रकार का बयान नहीं देने की प्रार्थना की

Update: 2024-11-22 07:59 GMT

जयपुर: पूर्व विधायक और बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने संत रामभद्राचार्य को नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी संत को ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए जिससे देश की सामाजिक, समरसता और हिंदू एकता को नुकसान पहुंचे। इसके आगे उन्होंने कहा दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज हमारा अभिन्न अंग है इसलिए किसी भी संत को ऐसा विवादित बयान नहीं देना चाहिए, जिससे दलित समाज उद्वेलित हो, इसके आगे आहूजा ने संत रामभद्राचार्य से इस प्रकार का बयान नहीं देने की प्रार्थना की ।

उन्होंने कहा- दलित, पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज हमारा अभिन्न अंग है. इसलिए किसी भी संत को ऐसा विवादित बयान नहीं देना चाहिए, जिससे दलित समाज भड़के. उन्होंने कहा कि मैं संत रामभद्राचार्य से अनुरोध करूंगा कि वे ऐसा कोई बयान न दें.

आरक्षण ख़त्म नहीं होना चाहिए

ज्ञानदेव आहूजा ने कहा- देश में आरक्षण तब तक खत्म नहीं होना चाहिए. जब तक दलित समाज पूर्ण विकसित नहीं हो जाता। उन्होंने कहा- विकसित भारत के नारे का एक बड़ा हिस्सा हमारे श्रमिक-कर्मचारियों का है. वहीं इनमें से 70 फीसदी मजदूर और कामगार दलित और पिछड़े वर्ग से आते हैं. ऐसे में आरक्षण जारी रहना चाहिए. उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आर्थिक आरक्षण दिया है. आर्थिक आरक्षण बढ़ाने में कोई बुराई नहीं है. जातिगत आरक्षण ख़त्म नहीं होना चाहिए.

यह बात रामभद्राचार्य ने कही

रामभद्राचार्य ने 13 नवंबर को जयपुर में कहा था कि आज हमारे राजनेता समाज को छोटी-छोटी जातियों में बांट रहे हैं. यदि सरकारों की इच्छा हो तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद कर देना चाहिए। यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण हो जाए तो जाति व्यवस्था स्वत: समाप्त हो जाएगी। कोई एससी, एसटी, ओबीसी नहीं, सभी हिंदू एक हैं, सभी भारतीय एक हैं। आरक्षण आर्थिक आधार पर करो. तब यह जातीय गृहयुद्ध स्वतः ही समाप्त हो जायेगा। क्या हमने उच्च कुल में जन्म लेकर पाप किया है? लेकिन उच्च वर्ग का बच्चा 100 प्रतिशत अंक लाता है और जूते सिलता है। एससी का बच्चा 4 फीसदी अंक लेकर कलेक्टर बने। ऐसे कैसे चलेगा ये देश?

बेनीवाल के बयान का समर्थन कर रहे हैं

विधानसभा उपचुनाव में थप्पड़ कांड पर बोलते हुए ज्ञानदेव आहूजा ने सांसद हनुमान बेनीवाल के बयान का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि नरेश मीना ने किन परिस्थितियों में एसडीएम को थप्पड़ मारा, यह देखने वाली बात है. लेकिन हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा के समर्थन में जो कहा वह सही है.

उन्होंने कहा- मैं खुद इस तरह की घटना से पीड़ित हो चुका हूं. एक अधिकारी ने मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एक कांग्रेस उम्मीदवार के लिए एक मतदान केंद्र पर कब्जा कर लिया। जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे साथ काफी दुर्व्यवहार किया गया. दरअसल, थप्पड़ कांड के बाद हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा का समर्थन करते हुए कहा था कि ऐसे अधिकारी को एक नहीं बल्कि कई बार थप्पड़ मारना चाहिए था.

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