महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज ने मूर्तिकार राजकुमार पंडित को किया सम्मानित
जयपुर। नाथद्धारा में बने प्रदेश के सबसे बड़े तीन किलोमीटर लंबे गौरवपथ पर मेवाड़ के शूरवीर शासक महाराणा प्रताप की प्रतिमा का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना, मेवाड़ के युवराज व महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने किया। इस दौरान शहर को रिंग रोड से जोडऩे वाले धारचा पर बने गौरव पथ व बागोल के निकट तिराहे पर प्रताप की स्वामीभक्त अश्व चेतक पर आसीन 15 फीट ऊंची इस मूर्ति को बनाने वाले विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार राजकुमार पंडित को लक्ष्यराज सिंह ने साफा बांधकर व दुप्पटा पहनाकर सम्मानित किया। इस दौरान डॉ. सीपी जोशी व लक्ष्यराज सिंह ने बेहतरीन मूर्ति बनाने पर राजकुमार पंडित की प्रशंसा की।
राजकुमार पंडित ने जयपुर के वीकेआई स्थित वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंण्ड्री में इस मूर्ति को तैयार किया है। 3800 किलो वजनी इस मूर्ति पर कुल लागत करीब डेढ करोड़ रुपए आयी है। महाराणा प्रताप की प्रतिमा में 85 फीसदी तांबा, 5-5 फीसदी टिन, जस्ता व जिंक का इस्तेमाल किया गया है। करीब डेढ महीने में तैयार हुई इस मूर्ति को बनाने में छह मूर्तिकारों ने दिन-रात कार्य किया। राजकुमार पंडित द्धारा अब तक महाराणा प्रताप की पांच प्रतिमाएं बनाई गई हैं। इनमें से एक कर्नाटक व तीन राजस्थान के उदयपुर व नाथद्धारा में लगाई जा चुकी हैं।
नाथद्धारा में लगेंगी परशुराम व राणा पुंजा की प्रतिमाएं
राजकुमार पंडित द्धारा इन दिनों भगवान परशुराम की 9 फीट व राणा पुंजा की 10 फीट ऊंची प्रतिमा जयपुर की वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंण्ड्री में तैयार की जा रही हैं, जो कि नाथद्धारा में ही लगायी जाएगी। इसके अलावा इनके द्धारा तैयार की गई 9 फीट ऊंची श्रीनाथ जी व बलदेव की प्रतिमाएं नाथद्धारा के बस स्टेंड के पास लगाई जा चुकी हैं।
प्रदेश में यहां भी स्थापित होंगी मूर्तियां
वहीं, राजकुमार पंडित द्धारा तैयार की जा रही प्रतिमाएं राजस्थान के अजमेर में अशोक स्तंभ, दांडी यात्रा व फंडामेंटल राइटस, रावतभाटा में पन्नाधाय की 9 फीट, इंदिरा गांधी की 18 फीट, राणा पुंजा की 10 फीट, शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव की 9-9 फीट व डॉ. भीमराव अंबेडकर की 12 फीट ऊंची लगाई जाएंगी। इसी तरह बीकानेर में जनरल सगत सिंह व चितौड़गढ जिले के बेगु कस्बे में शहीदे आजम भगत सिंह की 9 फीट, इंदिरा गांधी व डॉ. भीमराव अंबेडकर की 12-12 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगेंगी।
संसद भवन में बनाई पहली मूर्ति
आपने बालकृष्ण गुरू के दिशा-निर्देशन में संसद भवन में पहली बार गांधी जी की धातु से मूर्ति बनाई। इसी से हौसला बढ़ा और 1997 में जयपुर आकर अपनी कला को निखारना शुरू किया। राजस्थान के जोधपुर की मैसूरी पहाड़ी पर वीर दुर्गादास राठौड़ की पहली मूर्ति स्थापित की। इसके बाद जयपुर स्थित सचिवालय भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा व राजस्थान विधानसभा में अशोक स्तंभ बनाया, लेकिन ये सभी प्रोजेक्ट किसी अन्य कंपनी के थे, लेकिन काम आपने ने किया।
देशभर में लगाई हजारों मूर्तियां
मूर्तिकार राजकुमार पंडित द्धारा धातु से बनाई गईं बनाई गईं हजारों मूर्तियां देश के विभिन्न राज्यों में लगाई जा चुकी हैं। आपने अब तक की सबसे ऊंची भगवान परशुराम की 108 फीट की मूर्ति बनाई है जो कि लखनऊ में स्थापित की जाएगी। इसके अलावा आपके द्धारा बनाई गई पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लखनऊ, जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम के बाहर अर्जुन की मूर्ति, घोड़े पर विराजमान छत्रपति शिवाजी, भारत माता, शहीद-ए-आजम भगत, राजगुरू, सुखदेव, बप्पा रावल, राणा पुंजा, डॉ. बीआर अंबेडकर, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, महाराणा प्रताप, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, चाणक्य आदि की मूर्तियां लगाई जा चुकी हैं।