कोटपूतली बोरवेल हादसा: इस अंतिम रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार
Rajasthan राजस्थान: कोटपूतली के कीरतपुर गांव में सोमवार दोपहर दो बजे से चल रहा चेतना को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन अब राजस्थान का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन बन गया है। लेकिन इस अभियान में सफलता अभी अधूरी है। आठ फीट की सुरंग खोदना अभी भी चुनौती बना हुआ है। कल सुबह दस बजे खुदाई शुरू की गई थी और आज सुबह तक चार फीट तक ही खुदाई हो सकी थी। इस बीच पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। दरअसल, पाइलिंग मशीनों और भारी उपकरणों से गहरी खुदाई के बाद अब मैन्युअली सुरंग खोदने का काम शुरू किया गया है। रैट माइनर्स और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें छोटे उपकरणों का इस्तेमाल कर सुरंग बना रही हैं।
जवान दो-दो के ग्रुप में खुदाई कर रहे हैं। हालांकि सुरंग के निर्माण में समय अधिक लग रहा है और चेतना तक पहुंचने के लिए अभी चार फीट काम बाकी है। बताया जा रहा है कि गर्मी और जमीन के नीचे लगातार ऑक्सीजन की कमी के कारण पंद्रह-बीस मिनट से ज्यादा रुकना चुनौतीपूर्ण है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के करीब तीन दर्जन जवान मौजूद हैं, साथ ही दो पाइलिंग मशीन, चार जेसीबी और उच्च क्षमता वाली क्रेन भी मौजूद हैं। चेतना की मां ढोले देवी और अन्य परिजनों की आंखें लगातार रोते-रोते पथरा गई हैं, लेकिन उन्हें अपनी बेटी के सकुशल लौटने की पूरी उम्मीद है। गांव वाले भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो आज शाम तक चेतना को सकुशल बचा लिए जाने की उम्मीद है। फिलहाल कैमरे के जरिए बच्ची पर नजर रखी जा रही है, लेकिन पिछले चार दिनों से उसकी कोई हरकत नहीं देखी गई है। प्रशासन और राहत दल के प्रयास जारी हैं।